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डायबिटीज और अस्थमा के मरीजों के लिए रामबाण है ये जंगली घास, ब्लड शुगर फौरन होगा डाउन

हल्द्वानी. दूधी घास औषधीय गुणों से भरपूर एक जड़ी-बूटी है. जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद में बीमारियों के उपचार में किया जाता है. इस घास को तोड़ने पर इसके पौधे से दूध निकलता है. इसलिए इसे दूधी घास कहा जाता है. इनमें एंटी-डायबिटिक गुण ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में मदद करती हैं. इसीलिए, डायबिटीज के मरीजों को इस तरह की चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है. मधुमेह के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिहाज से दूधी घास का सेवन भी लाभकारी माना जाता है. दूधी घास का पाउडर डायबिटीज सहित कई अन्य बीमारियों से राहत दिलाने में कारगर माना जाता है.

वरिष्ठ आयुर्वेदिक डॉ. विनय खुल्लर ने बताया कि डायबिटीज रोगियों के लिए भी दूधी घास बेहद लाभदायक होता है. यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करता है. दूधी घास के काढ़े का सेवन करने से डायबिटीज रोगियों को काफी लाभ मिलता है.

पेट के कीड़ों की अचूक दवा 
डॉ. विनय खुल्लर ने बताया कि छोटे बच्चों के पेट में कीड़े पड़ जाते हैं, जिसकी वजह से बच्चों को पेट में दर्द, भूख में कमी और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. तो ऐसे में पेट के कीड़े खत्म करने के दूधी घास के पाउडर को दूध में मिलाकर खिलाएं. इससे पेट के कीड़े सही हो जाएंगे.

अस्थमा से भी मिलेगी राहत
डॉ. विनय खुल्लर ने बताया कि दमा या अस्थमा के मरीजों को भी दूधी घास का सेवन करने से बहुत-से फायदे होते हैं. दूधी घास का काढ़ा पीने से अस्थमा के लक्षणों से आराम मिलता है. इसके साथ ही खांसी-जुकाम की समस्या से राहत पाने के लिए भी दूधी घास का सेवन किया जा सकता है.

इस तरह करें उपयोग
डॉ़ विनय खुल्लर ने बताया कि दूधी घास को जमीन से काटकर छाव में सूखाना है. सूखने के बाद उसे चूर्ण के रुप में पीस लेना है. इस घास का चूर्ण बनाकर 1 से 3 ग्राम के मध्य सेवन करना है. इसके उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरुर ले.

पशुओं के लिए है इम्युन बूस्टर
पशु चिकित्साधिकारी डॉ. दीप्ति अरोड़ा ने बताया कि यह पशुओं की कई बीमारियों के उपचार करने में यह घास काम में आता है. यह पशुओं के लिए इम्यून बूस्टर के रुप में काम करता है. यह पशुओं के लिए लाभदायक है. इसमें विटामिन सी की मात्रा होती है. इसका मुख्यतः उपयोग पशुओं को स्कीन एलर्जी, न्यूमोनिया, श्वसन तंत्र में ब्रोकाईटिस इत्यादि रोगों के उपचार के लिए किया जाता है. इसे पशुओं को खिलाया भी जा सकता है.

Tags: Haldwani news, Health News, Life18, Local18, Uttarakhand news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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24x7 Punjab
Author: 24x7 Punjab

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