Edition

Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

पुरुष आयोग बनाने की मांग कर रही है ये संस्था, उत्पीड़न के खिलाफ चला रही बड़ा अभियान

हिना आज़मी/ देहरादून: हमारे देश में महिलाओं के उत्थान और उन्हें न्याय देने के लिए कई सारे कानून बनाए गए हैं. लेकिन, वहीं कई जगह पुरुषों का उत्पीड़न भी होता है. उन पर कई बार आरोप लगाकर झूठे मुकदमे भी दर्ज हो जाते हैं. ऐसे में पुरुषों को न्याय दिलाने के लिए भी एक संस्था काम कर रही है, जिसका मेन वेलफेयर ट्रस्ट है. इस संस्था के वालंटियर को भी कई तरह के उत्पीड़नों से गुजरना पड़ा है. इसलिए यह सरकार से पुरुष आयोग और पुरुष सहायता मंत्रालय बनाने की मांग कर रहे हैं. देश के करीब 20 प्रदेशों में काम करने वाली यह संस्था देहरादून में हर रविवार को ऐसे पुरुषों के लिए मीटिंग आयोजित करती है, जिसमें व्यक्ति को सही सुझाव और मार्गदर्शन दिया जाता है.

मेन वेलफेयर ट्रस्ट, देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष रितेश अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे देश में 50 ऐसे कानून है, जिनमें पुरुषों के बात सुनी ही नहीं जाती है और उन पर मुकदमे दर्ज कर दिए जाते हैं. घरेलू हिंसा, दहेज, सेक्सुअल हैरेसमेंट,बलात्कार और तलाक जैसे मामलों में महिलाओं की ज्यादा सुनी जाती है. महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए यह कानून जरूरी है, लेकिन बेगुनाह पुरुषों पर इन्हें थोपना भी ठीक नहीं है. इसलिए पुरुषों के न्याय और उनके हितों पर भी बात होनी चाहिए.

पुरुष आयोग और मंत्रालय बनाने की मांग
आगे उन्होंने पुरुष आयोग और पुरुष मंत्रालय बनाए जाने की मांग की है. ताकि, पीड़ित पुरुषों को भी न्याय मिल सके. उन्होंने बताया कि हमारे कई साथी ऐसे हैं, जिनके ऊपर झूठे मुकदमे किए गए हैं. महिलाओं पर झूठे मुकदमे साबित होने पर भी कोई बड़ी सजा नहीं दी जाती है. आमजन भी कानून को दुरुपयोग होता देख अब हमसे जुड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में पिछले 1 साल में लगभग 1 लाख 18 हजार पुरुषों ने आत्महत्या की है. इनमें से 84 हजार के करीब विवाहित पुरुष थे, जो जिंदगी के संघर्ष से लड़ नहीं पाए.

पुरुषों की मदद के लिए टोल फ्री नंबर
आगे उन्होंने बताया कि वह पिछले 18 सालों से कम कर रहे हैं. साल 2012 में उन्होंने एक हेल्पलाइन शुरू की थी, जिसमें एक टोल फ्री नंबर 8882498498 जारी किया गया है. इस नंबर पर देश के किसी भी कोने का पीड़ित व्यक्ति संपर्क कर सकता है. देश के 40 शहरों में पुरुषों के लिए नियमित कार्यक्रम किए जाते हैं. देहरादून में हर रविवार को तिब्बत मार्केट के सामने ही एक मीटिंग की जाती है. इसमें ऐसे पुरुषों अपने मामलों को लेकर आते हैं. वहां लोगों को समझाया जाता है कि आगे उन्हें क्या करना चाहिए.उन्होंने बताया कि वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले बाइक राइडर अहमद खान और संदीप ने इन मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करने और सरकार से पुरुषों के इंसाफ की मांग करने के लिए देश में 15000 किलोमीटर की दूरी तय की है.

गोकुल ने बताई आपबीती
केरल से आए गोकुल पाडूर ने बताया कि उन्हें भी इस सिस्टम के चलते क़ई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. वह भी एक नहीं दो बार. महिला सुरक्षा के लिए जो कानून बने हैं, उनमें कई मामलों में बेगुनाह पुरुष भी फंस जाते हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया में 200 से ज्यादा देश ऐसे हैं जहां घरेलू हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं. लेकिन वह सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं है, बल्कि भारत इकलौता ऐसा देश है, जहां पुरुषों के बारे में नहीं सोचा जाता है. उन्होंने बताया साल 2003 में मेरी पत्नी ने दहेज (498- ए) का केस किया और मुझसे अलग हो गई. उस दौरान मेरी बेटी 3 महीने की थी और 18 साल बाद में उससे मिल पाया हूं. हम दोनों को बेटी- बाप के प्यार से वंचित रहना पड़ा. वह वक्त दोबारा नहीं आ सकता. आगे उन्होंने बताया कि पहली पत्नी के जाने के बाद उन्होंने दूसरी शादी की, लेकिन, दूसरी पत्नी से भी उन्हें चोट मिली. उन्होंने अपनी और मेरी अपनी बेटी को लेकर ही मुझ पर पॉक्सो एक्ट लगा दिया. ताकि मेरे साथ उन्हें रहना न पड़े. मुझे 1 महीने के लिए रिमांड पर जेल भेजा गया. इस घटना के बाद से ही वह लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

न्याय का समान अधिकार
सीनियर एडवोकेट सुरेंद्र कुमार ने बताया कि कोई महिला दहेज उत्पीड़न यानी धारा 498 का मामला पुरुष के खिलाफ लगा देती है, तो उसके साथ-साथ उसके परिवार को भी प्रताड़ित होना पड़ता है. वहीं, फिजिकल रिलेशनशिप मामलों में भी महिला 376 के तहत मुकदमा दर्ज कर देती हैं. जबकि, ऐसे केस में कुछ बेगुनाह भी पिस जाते हैं. क़ई मामलों में अपनी प्रतिष्ठा खोने पर पुरुषों को आत्महत्या करने पर भी मजबूर होना पड़ता है.

Tags: Dehradun Latest News, Local18, Uttarakhand news

]

Source link

24x7 Punjab
Author: 24x7 Punjab

Leave a Comment

और पढ़ें

  • JAPJEE FAMILY DENTAL CLINIC
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool