अनंत कुमार/गुमला: झारखंड के गुमला जिले में स्थित आंजन धाम को हनुमान जी का जन्म स्थान माना जाता है. जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अंजन गांव एक छोटा गांव है. इस गांव का नाम हनुमान जी की मां अंजनी के नाम पर पड़ा है इसलिए इसे आंजन के नाम से जाना जाता है. आंजन गांव से लगभग 4 किमी की दूरी पर चारों ओर हरे भरे पेड़-पौधे, जंगल, प्रकृति की हसीन वादियों और ऊंची पहाड़ियों के बीच गुफा में मां अंजनी के गोद में हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में विराजमान हैं. यह अपने आप में अनोखी, अदभुत और मनमोहक प्रतिमा है.
मान्यता है कि मां अंजानी यहीं रहा करती थीं और हनुमान जी का जन्म यहीं एक गुफा में हुआ था. यहां 365 शिवलिंग, 365 तालाब, 365 महुआ के पेड़ हुआ करते थे. उनमें से कुछ विलुप्त हो गए और कुछ अभी भी साक्ष्य के रूप में मौजूद हैं. मां अंजनी स्नान करने के बाद प्रत्येक दिन अलग-अलग तालाब से पानी लेकर महुआ के अलग-अलग पेड़ से फूल तोड़ कर अलग-अलग शिवलिंग की पूजा करती थीं.
नजर उतारने और बुद्धी तेज करने के लिए उपाय
आंजन धाम के पुजारी केदार नाथ पांडे ने लोकल 18 को बताया कि गुमला के आंजन धाम को हनुमान जी की जन्म स्थली माना जाता है. यहां हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है. अगर किसी बच्चे को नजर लग जाए तो हनुमान जी को चढ़े हुए सिंदूर का माथे पर टिका लगा देने से नजर उतर जाती है. हनुमान जी के बाएं पैर में सिंदूर चढ़ाकर फिर उसे बच्चों को लगाने से बच्चे के दिमाग का विकास होता है. इससे बच्चे की बुद्धि बढ़ती है और उनमें एक विशेष तरह की स्फूर्ति आती है.
गुस्सा और जिद कम करने का उपाय
अगर कोई बच्चे छोटी-छोटी बातों में बहुत ज्यादा गुस्सा और जिद करते हैं तो मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी के बाएं पैर के सिंदूर लेकर माथे पर लगाने से बच्चे का गुस्सा शांत हो जाता है. इससे उसके स्वभाव में भी परिवर्तन आता है और बच्चा गुस्सा और जिद करना छोड़ देता है. हालांकि, यह काम स्पेशली शनिवार और मंगलवार के दिन ही किया जाना चाहिए जिससे उत्तम लाभ मिलेगा.
FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 20:25 IST
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