अनूप पासवान/कोरबा:- छत्तीसगढ़ के दूसरे बड़े नाग लोक के तौर पर कोरबा को पहचान मिल रही है. ऐसे तो सांपों के निकलने के मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन बरसात का मौसम आते ही ऐसे मामले बढ़ जाते हैं. मानसून के दस्तक देते ही सर्पदंश के मामले सामने आने लगे हैं. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी कमर कस ली है. जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.
बारिश के जोर पकड़ने के साथ ही कोरबा जिले में सांप निकलने की घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं. स्वास्थ्य विभाग की तैयारी को लेकर कोरबा सीएमएचओ डॉ. एस एन केसरी ने लोकल18 को बताया कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नेक वेनम की डोज उपलब्ध है. सांप काटने के बाद पीड़ित को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से उसकी जान बचाई जा सकती है.
वर्ष 2023 मे 820 लोग हुए शिकार
कोरबा जिला जंगलो से घिरा हुआ है और यही वजह है कि यहां रेंगने वाले अलग-अलग प्रजाति के विषैले जीव-जंतु पाए जाते हैं. बरसात शुरू होते ही वे अपने बिलों से निकलकर नया ठिकाना ढूंढते हुए लोगों के घरों तक पहुंच जाते हैं. इसी दौरान सांप कांटने के ज्यादा मामले सामने आते हैं. बीते वर्ष 2023 में जनवरी माह से लेकर दिसंबर माह तक जिले मे 820 लोग सर्पदंश का शिकार हुए थे.
लोगों को किया जा रहा जागरूक
सीएमएचओ एस एन केसरी ने Local18 को बताया कि सांप काटने के ज्यादा मामले ग्रामीण क्षेत्रों से सामने आते हैं. ज्यादातर गांव जंगलों से लगे हुए हैं, जहां से रेंगते हुए सर्प घरों तक पहुंच जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि जमीन पर सोने के बजाय खाट पर सोएं और मच्छरदानी का उपयोग जरूर करें. अगर किसी को सांप काट ले, तो झाड़-फूक करवाने के बजाय तत्काल अस्पताल पहुंचे. यहां समय रहते उपचार से पीड़ित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.
Tags: Chhattisgarh news, Korba news, Local18, Snake Venom
FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 14:43 IST
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