रांचीः जमीन घोटाला मामले में पिछले 5 महीने से जेल में बंद हेमंत सोरेन को शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. हाईकोर्ट ने 50 हजार के दो निजी मुचलके पर जमानत दी है. हालांकि इस दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत का विरोध करते हुए बेल को केवल 24 घंटे के लिए स्टे करने की मांग की थीं. लेकिन कोर्ट ने ईडी के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए जमानत दे दी.
अदालत ने सोरेन की जमानत याचिका पर अपना फैसला 13 जून को सुरक्षित रख लिया था. सोरेन के वरिष्ठ वकील अरुणाभ चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘सोरेन को जमानत दे दी गई है. अदालत ने कहा है कि प्रथम दृष्टया, वह दोषी नहीं हैं और जमानत पर रिहा किए जाने दौरान याचिकाकर्ता द्वारा कोई अपराध किए जाने की कोई आशंका नहीं है.’ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. सोरेन (48) वर्तमान में बिरसा मुंडा जेल में हैं। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के वकील एस वी राजू ने दलील दी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह इसी तरह का अपराध फिर करेंगे.
हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाले में 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था. तब से वह रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से दलीलें पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा था कि जिस जमीन पर कब्जे के आरोप में ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की है, वह जमीन छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट के तहत “भुईंहरी” नेचर की है और इसे किसी भी स्थिति में किसी व्यक्ति को बेचा या हस्तांतरित नहीं किया जा सकता. इस जमीन की लीज राजकुमार पाहन के नाम पर है. इस जमीन पर हिलेरियस कच्छप नामक एक व्यक्ति खेती करता था और बिजली का कनेक्शन उसी के नाम पर पर है। इससे हेमंत सोरेन का कोई संबंध नहीं है.
FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 13:08 IST