रोहतक. हरियाणा (Haryana) सरकार ने मासूम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास का हवालाल देते हुए राज्य की सभी निजी स्कूलों (Private schools) में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी की कक्षाओं को बंद करने का आदेश जारी किया है.
रोहतक (Rohtak) के जिला शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी नांदल ने बताया कि बच्चों को मानसिक रूप से परिपक्व होने और शारीरिक रूप से बढ़ने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए. इसलिए राज्य सरकार ने नर्सरी से यूकेजी तक की कक्षाओं को बंद करने का आदेश दिया है.
Vijay Laxmi Nandal, Dist Elementary Education Officer, Rohtak: A child should be admitted in school only after turning 5 years old so that his mental growth is fine. Children below 5 years of age can go to an anganwadi or a play school where they learn while playing. (05.12.2019) https://t.co/LdW0mqWqW9 pic.twitter.com/7AYv3Q872h
— ANI (@ANI) December 5, 2019
उन्होंने कहा कि जब बच्चे की खेलने की उम्र होती है तो उस समय पढ़ाई के दबाब के कारण उसका मानसिक और शारीरिक विकास रुक जाता है या कम हो जाता है. इसको देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है. हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी की सरकार ने निजी स्कूलों में नर्सरी से युकेजी तक की कक्षाओं को खत्म करने का आदेश दिया है. इसके बाद से राज्य में शिक्षा को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
कुछ लोगों का कहना है कि सरकार पढ़ाई-लिखाई को खत्म कर रही है तो कुछ लोग सरकार के इस फैसले के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं. लोगों का कहना है कि तीन या चार साल बच्चे के पढ़ने की उम्र नहीं होती है, इसलिए सरकार ने ठीक ही यह आदेश दिया है. इससे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास तो ढंग से हो पाएगा.
Rohtak: Haryana govt issues orders to shut Nursery, LKG & UKG classes in pvt schools across the state. Dist Elementary Education Officer, Rohtak says, “Children should get ample time to play & grow mentally. So state govt has decided to shut down Nursery, LKG & UKG classes.(5.12) pic.twitter.com/7jvgSWXg9G
— ANI (@ANI) December 5, 2019
शिक्षा माफियाओं को लगेगा झटका
निजी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी से यूकेजी तक की क्लास में पढ़ने वाले बच्चों की एक छोटे से निजी स्कूल में कम से कम 500 रुपये माह फीस, 10 हजार के करीब एडमिशन फीस लगती है. इसके बाद थोड़े अच्छे स्कूलों में यह फीस और भी बढ़ जाती है. इसके साथ ही स्कूल से ड्रेस, बैग के साथ ही स्टड़ी मैटीरियल लेना होता था. इसमें स्कूल संचालक और उनसे जुड़े दुकानदारों को मोटा मुनाफा होता था. अगर सरकार के इस आदेश के बाद राज्य की निजी स्कूलों से नर्सरी से यूकेजी तक की कक्षाएं खत्म कर दी जाती हैं तो शिक्षा माफिया को इसमें सबसे ज्यादा नुकसान होगा.
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FIRST PUBLISHED : December 6, 2019, 05:54 IST