रोहित भट्ट /अल्मोड़ा: देवभूमि उत्तराखंड में ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनका अपना प्राचीन इतिहास रहा है. एक ऐसा ही मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित है, जो अल्मोड़ा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस मंदिर का नाम झांकर सैम है. इस मंदिर में स्वयंभू लिंग में विराजमान है. झांकर सैम देवता सभी देवी देवताओं के गुरु हैं और इनको देवी देवताओं का मामू भी कहा जाता है. यह मंदिर जागेश्वर जाने वाली सड़क से करीब 5 किलोमीटर आगे है. यहां के पुजारी बताते हैं कि स्वयंभू शिवलिंग में भगवान झांकर सैम देवता विराजमान हैं.
पुजारी कृष्णानंद पांडे बताते हैं कि यह मंदिर प्राचीन काल का है. स्वयंभू शिवलिंग में विराजमान झांकर सैम देवता हर किसी की रक्षा करते हैं. इस मंदिर में उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश-विदेश के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु यहां पर आते हैं. जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से आता है भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है, तो इस मंदिर में वह दोबारा आकर पूजा अर्चना के अलावा भंडारा इत्यादि करते हैं. पुजारी ये भी बताते हैं कि मंदिर के गर्भगृह से देवदार के पेड़ में से पहले दूध निकलता था. लेकिन पर धीरे-धीरे अब दूध निकलना बंद हो गया है. पेड़ में भगवान गणेश की आकृति भी देखने को मिलती है.
शिव जी के अवतार हैं सैम देवता
श्रद्धालु निर्मला नैनवाल ने बताया कि झांकर सैम देवता शिव जी के अवतार हैं और उत्तराखंड के कुल देवता के रूप में पूजे जाते हैं. निर्मला आगे बताती हैं कि जैसे भगवान शंकर क्रोधित होते हैं. वैसे ही सैम देवता को क्रोध में देखा जा सकता है. सैम देवता बड़े ही दयालु हैं. और वह हर किसी की रक्षा भी करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी कई मनोकामनाएं भगवान ने पूरी की है. वह कई बार इस मंदिर में आ चुकी हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 12:38 IST
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