हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित आइस स्केटिंग रिंक में अब दोनों सत्रों (मॉर्निंग और इवनिंग) में स्केटिंग की शुरुआत हो गई है। दो-तीन दिनों से ठंड बढ़ने के कारण अब इवनिंग सत्र में भी स्केटिंग संभव हो पाई है, क्योंकि इससे पहले अधिक तापमान के कारण दिन के समय बर्फ पिघल रही थी, जिससे इवनिंग सत्र में स्केटिंग नहीं हो पा रही थी। अब शिमला पहुंचने वाले पर्यटकों के साथ स्थानीय लोग भी इस गतिविधि का आनंद ले रहे हैं, और स्केटर्स में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
शिमला का आइस स्केटिंग रिंक, जो लक्कड़ बाजार में स्थित है, ब्रिटिश काल से है और एशिया का इकलौता स्केटिंग रिंक है, जहां बर्फ को प्राकृतिक विधि से जमाया जाता है। यहां पर दिसंबर के पहले और दूसरे सप्ताह से स्केटिंग शुरू होती है, और यह फरवरी-मार्च तक चलती है।
स्केटिंग का अनुभव लेने के लिए 300 रुपये की फीस देनी होती है, और पर्यटकों को स्केट लाने की जरूरत नहीं होती क्योंकि क्लब खुद स्केट मुहैया कराता है।
शिमला में स्केटिंग का 104 साल पुराना इतिहास है। 1920 में ब्रिटिश काल में यहां पर स्केटिंग शुरू हुई थी, और कोरोना काल को छोड़कर हर साल यह आयोजन होता रहा है। यहां प्राकृतिक विधि से बर्फ जमाने की प्रक्रिया भी दिलचस्प है: शाम को रिंक में पानी डाला जाता है, जो सुबह तक जमकर बर्फ का रूप ले लेता है, और इस पर स्केटिंग होती है।