दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में अक्सर ऐसे मरीज इलाज के लिए आते हैं जो अपनी बीमारी की लास्ट स्टेज पर होते हैं या जिनके इलाज के लिए बाकी अस्पतालों में डॉक्टर्स मना कर चुके होते हैं. हालांकि एम्स में पहला एक ऐसा केस भी आया जब एम्स की इमरजेंसी में ही डॉक्टर्स ब्लड कैंसर से जूझ रहे एक मरीज को मना कर चुके थे और परिजन मरीज को लेकर घर लौटने लगे. लेकिन तभी एम्स के एक डॉक्टर की पहल ने न केवल मरीज को जीवनदान दिलवाया, बल्कि आज मरीज के पूरी तरह ठीक होने पर यह घटना अन्य मरीजों और एम्स स्टाफ के लिए एक उदाहरण बन गई.
यह मामला यूपी के अलीगढ़ में रहने वाले हरविंदर कुमार का है. हरविंदर को ब्लड कैंसर होने के बाद दिल्ली एम्स लाया गया. ये ब्लड कैंसर की दुर्लभ और खतरनाक प्रोमियेलोसाइटिक ल्यूकेमिया नाम की बीमारी से जूझ रहे थे. मरीज की हालत इतनी खराब थी कि ब्लड क्लॉट बन चुके थे, हीमोग्लोबिन 4 तक पहुंच चुका था और हार्ट फेल होने की ही कगार पर था. यहां तक कि मरीज के पास न तो कोई ब्लड डोनर था और न ही पैसा और लगभग मर चुके मरीज को परिजन इमरजेंसी से निकालकर घर ही ले जा रहे थे, लेकिन फिर अचानक एम्स के डॉक्टर मरीज के लिए भगवान बनकर सामने आए.
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डॉ. विवेक के साथ मरीज हरविंदर.
News18hindi से बातचीत में मरीज हरविंदर बताते हैं, ‘ यह मामला 2019 का है. जब उन्हें अचानक ब्लड कैंसर का पता चला. बीमारी का पता चलने पर सबसे पहले बरेली में इलाज कराया लेकिन वहां डॉक्टरों ने मना कर दिया तो एक संबंधी के सहयोग से दिल्ली एम्स में लाया गया. यहां इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. हालत इतनी क्रिटिकल थी कि यहां लगभग मृत ही घोषित कर दिया गया था, कोई रास्ता न मिलने और परिवार का भी कोई व्यक्ति साथ न होने पर वही संबंधी अस्पताल से निकालकर घर ले जाने लगे, लेकिन तभी इमरजेंसी में काम कर रहे एक डॉक्टर की नजर मुझ पर पड़ी.’
हरविंदर कहते हैं, ‘वह डॉक्टर विवेक कुमार सिंह थे जो एम्स में मेडिकल सोशल वेलफेयर ऑफिसर थे. उन्होंने हमसे पूरी जानकारी ली तो वापस घर न जाने की बात कही और उन्होंने डॉ. महापात्रा, डॉ. तूलिका सेठ, डॉ. मुकुल अग्रवाल, डॉ. तेजस्विनी से बात की. इन डॉक्टरों की टीम ने मेरा इलाज शुरू किया. इतना ही नहीं एक फूटी कौड़ी पास नहीं थी तो डॉ. विवेक सिंह ने मेरे इलाज के लिए एम्स के सोशल वेलफेयर फंड से पैसे का भी इंतजाम किया.’
हरविंदर को इमरजेंसी से जनरल वॉर्ड में भर्ती कराया गया और कई महीने इलाज और कीमोथेरेपी के बाद आखिरकर हरविंदर पूरी तरह ठीक हो गए. गरीब मरीज को इलजा देकर बचाने की डॉक्टरों की इस कोशिश पर एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने भी टीम की तारीफ की साथ ही मेडिकल स्टाफ के मरीजों के इलाज के प्रति द्रढ़निश्चय की सराहना की.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 13:43 IST