झुंझुनूं. राजस्थान देश का एक बड़ा टूरिस्ट हब है. यहां का हर शहर और गांव अपनी संस्कृति और शौर्य की विरासत समेटे हुए है. ये देसी विदेशी सैलानियों के साथ बॉलीवुड कलाकारों और डायरेक्टर-प्रोड्यूसर्स की भी पहली पसंद बना हुआ है. झुंझुनू जिले में एक छोटा सा गांव भी ऐसा ही है. यहां वो सब कुछ है जो हमारा मन मोह ले.
बड़ी बड़ी हवेलियां, राजपुताना शान, दीवारों पर खूबसूरत फ्रेस्को पेंटिंग, मन को लुभाते कलात्मक प्रवेश द्वार, दिल जैसे झरोखे और खिड़कियां. ये है झुंझुनू के मंडावा गांव की पहचान जो सात समंदर पार तक पहुंच गयी है. कहा जाता है भारत की आत्मा गांवों में बसती है. प्रदेश के झुंझुनूं जिले का मंडावा गांव अपने आप में अनूठा है. शेखावाटी इलाके के इस गांव को राजस्थान की फिल्म सिटी भी कहा जाता है.
राजस्थान की मिनी फिल्म सिटी
मंडावा गांव विदेशी सैलानियों की पहली पसंद है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसे राजस्थान के सबसे खूबसूरत गांव के खिताब से नवाजा है. यहां ग्रामीण और शहरी जीवन का बेजोड़ संगम है. यहां गोबर से लिपी हुई झोपड़ियां भी हैं और फाइव स्टार जैसी सुविधा वाले होटल भी. राजस्थान के इस गांव में बॉलीवुड की चर्चित फिल्मी ‘PK’, ‘पहेली’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘जब वी मेट’ और ‘कच्चे धागे’ समेत कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है.
कुओं पर पर्यटन
मंडावा के कुएं काफी प्रसिद्ध हैं. यहां कई महाजनों ने कुएं बनवाए. ये कलात्मक कुएं सैलानियों के आकर्षण के केंद्र हैं. मंडावा में फतेहपुर रोड स्थित गोयनका कुआं, वार्ड चार में हरलालका और केदारमल लडिया कुआं, वार्ड पांच में शंभु खां का कुआं, पुराने अस्पताल के पास सर्राफा का कुआं, वार्ड सात में स्नेहराम लडिया कुआं और वार्ड 15 में मांजी साहब का कुआं अब पर्यटन स्थल बन चुके हैं. इन्हें देखने दूर दूर से सैलानी आते हैं.
रेतीले धोरों के बीच विरासत
रेतीले धोरों के बीच बसे मंडावा की विरासत को देखते हुए यह गांव धीरे-धीरे पर्यटन स्थल के रूप में चर्चित होने लगा. देसी के साथ विदेशी पर्यटकों के यहां पैर पड़ते ही यहां का पर्यटन सरपट दौड़ने लगा. कई पुरानी हवेलियां होटलों में तब्दील हो गयीं. यहां होटल बनाने के लिए हवेलियों को तोड़ा नहीं गया, बल्कि उन्हें उनके मूल स्वरूप में डेवलप किया गया. आज यह गांव कस्बे में परिवर्तित हो चुका है.
राजस्थान का बेस्ट हेरिटेज विलेज
आज मंडावा की पहचान राजस्थान के सबसे बेहतरीन हैरिटेज गांव के रूप में है. यहां के कलात्मक कुएं, बावड़ियां, छतरियां, हवेलियां और अन्य पुराने भवन किसी न किसी रूप में इतिहास से जुड़े हैं. पर्यटन स्थल के रूप में तब्दील हुए मंडावा पर बॉलीवुड की भी नजर पड़ गई. फिर क्या था देखते ही देखते ही यह राजस्थान की मिनी फिल्म सिटी के रूप में पहचान बनाने लगा. आज मंडावा की अर्थ व्यवस्था खेती बाड़ी से ज्यादा यहां के पर्यटन व्यवसाय पर टिकी है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 19:19 IST