कुंदन कुमार/गया. महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की दिव्यता, प्रेम, त्याग तथा आंनद का पर्व है. हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है. वही दक्षिण भारतीय पंचांग पद्वति के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है. परन्तु दोनों ही पद्धतियों के अनुसार महाशिवरात्रि एक ही दिन पड़ती है.
इस वर्ष 2024 मे महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रवण नक्षत्र होने के साथ-साथ दिन प्रदोष व्रत का संयोग भी बन रहा है, तथा साथ ही तीन-तीन शुभ योग भी मिल रहे हैं, जिससे इस दिन की शुभता और भी अधिक बढ़ जाती है.
शाम 9:57 बजे तक त्रयोदशी तिथि
8 मार्च की शाम 9:57 बजे तक त्रयोदशी तिथि रहेगी, उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी. महाशिवरात्रि, रात्रिकाल को मनाया जाने वाला पर्व है अर्धरात्रिव्यापिनी ग्राह्य यानि निशिथ काल मे चतुर्दशी तिथि होने से 8 मार्च को ही महाशिवरात्रि मनायी जाएगी. चतुर्दशी तिथि के स्वामी शिव हैं.
इसलिए हर महीने कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि व्रत किया जाता है, जिसे मासिक शिवरात्रि व्रत कहा जाता है. इस तरह सालभर में बारह शिवरात्रि व्रत किए जाते हैं, लेकिन इनमें फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी का महत्व सबसे अधिक है. इस दिन को ही महाशिवरात्रि के रुप में मनाया जाता है.
यह है शुभ मुहूर्त
गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य बताते हैं कि चतुर्दशी तिथि 8 मार्च रात 9:57 बजे शुरु होगी, जो 9 मार्च रात्रि 6:17 बजे समाप्त होगी. निशिथ काल 8 और 9 मार्च के मध्यरात्रि 12:07 बजे से 12:56 बजे तक है. जिसकी कुल अवधि 49 मिनट है. वहीं महाशिवरात्रि पारण का शुभ मुहूर्त 9 मार्च सुबह 6:37 बजे से शाम 3:29 बजे तक है. पारण करके व्रत को पूरा करना महत्वपूर्ण माना जाता है. पारण से ही व्रत पूर्ण होता है.
यम पूजन समय रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय 8 मार्च रात्रि 6:25 बजे प्रारम्भ होगी जो रात्रि 9:28 बजे समाप्त होगी. रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय 8 और 9 मार्च रात्रि 9:28 बजे से रात्रि 12:31 बजे तक. रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय 8 और 9 मार्च मध्य रात्रि 12:31 बजे से सुबह 03:34 बजे तक जबकि रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय 8 और 9 मार्च सुबह 3:34 बजे से सुबह 6:37 बजे तक शुभ मुहूर्त है.
प्रदोष काल के बाद मंदिर जाकर शिवपूजन करें
महाशिवरात्रि से एक दिन पूर्व त्रयोदशी तिथि को केवल एक वक्त का ही भोजन करने का विधान है. परंतु इस वर्ष त्रयोदशी तिथि 8 मार्च को ही शाम 9:57 बजे तक चलेगी. उसके उपरांत ही चतुर्दशी तिथि का आरंभ होता है. अतः 8 मार्च को ही, महाशिवरात्रि के दिन प्रातःकाल ब्रह्म मुहुर्त में उठकर जगदम्बा पार्वती सहित भगवान शिव, को प्रमाण कर हाथ जोड़कर भक्तिपूर्वक उनसे प्रार्थना करें.
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8 मार्च प्रातःकाल महाशिवरात्रि के उपरोक्त विधि से पूजन तथा व्रत का संकल्प करने के उपरांत शाम को प्रदोष काल पूजन आरंभ करने के लिए शाम को पुनः पवित्र नदी या सरोवर अथवा घर में ही स्नान करने के उपरांत रूद्राक्ष धारण करके प्रदोष काल शाम 6:25 के बाद मंदिर जाकर शिवपूजन करें.
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FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 06:05 IST