धार. एक हिंदू नेता ने शनिवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर में अदालत के आदेश पर वैज्ञानिक सर्वेक्षण के दौरान सनातन धर्म से संबंधित मूर्तियां मिली हैं. हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ये मूर्तियां एक झोपड़ी से बरामद की गई थीं और इन्हें सर्वेक्षण का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 11 मार्च को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भोजशाला परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करने का निर्देश दिया था. भोजशाला एक मध्यकालीन स्मारक है, जिसके बारे में हिंदुओं का मानना है कि यह वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, वहीं मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद कहते हैं.
93 दिनों से चल रहा सर्वेक्षण
शनिवार को सर्वेक्षण का 93वां दिन था. भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान उसी स्थान पर पत्थर से बनी वासुकी नाग की मूर्ति मिली है, जहां तीन दिन पहले श्रीकृष्ण की मूर्ति मिली थी. परिसर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में उसी स्थान पर महादेव की मूर्ति और कलश समेत सनातन धर्म से जुड़े कुल नौ अवशेष मिले हैं. इन्हें एएसआई ने संरक्षित कर लिया है. हालांकि, कमाल मौला वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अब्दुल समद ने कहा कि मूर्तियां और पत्थर की वस्तुएं उत्तरी तरफ बनी झोपड़ीनुमा संरचना से निकल रही हैं, जहां पुरानी इमारत के हिस्से रखे हुए थे और इसे हटाने का काम किया जा रहा है.
इन सवालों के घेरे में उलझा मामला
समद ने कहा कि इस बारे में संदेह है. हमारा सवाल है, जब झोपड़ी बनी, तो वहां सामग्री कहां से लाई गई? उसमें से निकलने वाली सामग्री को सर्वेक्षण में नहीं जोड़ा जाना चाहिए. यह हमारी पुरानी आपत्ति रही है कि जो चीजें बाद में हुईं, उन्हें सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. सात अप्रैल 2003 को एएसआई द्वारा की गई व्यवस्था के तहत, हिंदू मंगलवार को भोजशाला परिसर में पूजा करते हैं और मुसलमान शुक्रवार को परिसर में नमाज अदा करते हैं.
FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 23:00 IST