भारतीय सेना की पंजाब सरकार से तैनात कर्मियों के लिए मुफ्त बिजली की मांग, सरकार को बढ़ी चिंता
भारतीय सेना ने पंजाब सरकार से राज्य में तैनात अपने कर्मियों के लिए हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली की मांग की है, जिससे राज्य सरकार के लिए नई चुनौती उत्पन्न हो गई है। सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान ने इस मांग को लेकर एक पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार जुलाई 2022 से घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली दे रही है, लेकिन यह सुविधा छावनी और सैन्य स्टेशनों में रहने वाले सैन्य कर्मियों और रक्षा नागरिकों तक नहीं पहुंची है।
पंजाब सरकार के अधिकारियों का कहना है कि छावनी और सैन्य स्टेशनों में रहने वाले सैनिकों को मुफ्त बिजली सब्सिडी नहीं दी जा सकती, क्योंकि इन स्थानों को बहुत अधिक मात्रा में बिजली की आपूर्ति की जाती है। वे यह भी कहते हैं कि मुफ्त बिजली सब्सिडी केवल व्यक्तिगत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए है, न कि सैन्य स्टेशनों के लिए।
इस मामले में भारतीय सेना का यह भी तर्क है कि दिल्ली सरकार सैन्य कर्मियों को मुफ्त बिजली देती है, इसलिए पंजाब में भी यह सुविधा दी जानी चाहिए। इस पर राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों के बीच अब विचार-विमर्श चल रहा है।
पंजाब में इस समय एक लाख से अधिक सैनिक तैनात हैं, और इनमें से अधिकांश को परिवार के साथ रहने के लिए आवास उपलब्ध है। इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय के असैन्य कर्मचारी भी सैन्य स्टेशनों में रहते हैं।
हालांकि, राज्य सरकार का घरेलू बिजली सब्सिडी बिल पहले से ही 8,785 करोड़ रुपये के आस-पास होने का अनुमान है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 1,550 करोड़ रुपये अधिक है। ऐसे में मुफ्त बिजली का दायरा बढ़ाने से राज्य बिजली बोर्ड (PSPCL) की वित्तीय स्थिति और कठिन हो सकती है।
पंजाब सरकार पर दबाव: सेना की मुफ्त बिजली की मांग, वित्तीय संकट बना चुनौती
पंजाब सरकार को अपनी वित्तीय स्थिति के कारण बिजली सब्सिडी देने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि राज्य ने पहले ही 13 नवंबर तक मुफ्त घरेलू बिजली के लिए पीएसपीसीएल को 4,508.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, जबकि 20,477 करोड़ रुपये के कुल सब्सिडी बिल में से 11,401.26 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इस माह के अंत तक सरकार ने 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी है, इसके अलावा 2,387 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता भी प्रदान की है।
भारतीय सेना ने दक्षिण पश्चिमी कमान के तहत पंजाब में स्थित अपने सैनिकों और उनके परिवारों के लिए मुफ्त बिजली की मांग की है। यह मांग मुख्य रूप से बठिंडा और मालवा क्षेत्र स्थित सैन्य संरचनाओं से आई है, लेकिन अगर सरकार यह मांग मानती है, तो इसे राज्य के अन्य हिस्सों में स्थित जालंधर, फिरोजपुर, पटियाला, अमृतसर और पठानकोट में भी लागू करना होगा।
राज्य सरकार पहले ही मुफ्त बिजली योजना के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रही है, और ऐसे में यदि यह मांग मानी जाती है, तो पीएसपीसीएल के लिए अतिरिक्त दबाव उत्पन्न हो सकता है।
इस समय, पंजाब सरकार को अपनी वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लेना होगा कि वह इस मांग को स्वीकार करेगी या नहीं, क्योंकि मुफ्त बिजली के दायरे को बढ़ाने से राज्य पर और अधिक वित्तीय बोझ पड़ेगा।