सागर: बुंदेलखंड में मानसून दहलीज पर है. किसान जल्द ही कल्टीवेटर चलाकर खेतों को बुवाई योग्य तैयार करने लगेंगे. लेकिन, किसानों को सोयाबीन, अरहर, तिल, उड़द, मक्का की बुवाई करते समय कुछ बातों का ध्यान देना जरूरी है. खासकर मिट्टी में पर्याप्त नमी आ चुकी हो या नहीं आई तो पर्याप्त नमी का अंदाजा होने पर ही बुवाई करें.
खासतौर पर सोयाबीन की बुवाई 100 मिमी वर्षा होने पर ही करें. परीक्षण में बीज का न्यूनतम 70% अंकुरण सुनिश्चित हो, तब ही बुवाई करें. सोयाबीन की बुवाई 25 जून से 10 जुलाई के बीच आराम से कर सकते हैं. इस समय में बुवाई काफी अच्छी मानी जाती है. सोयाबीन, उड़द, मक्का या किसी भी फसल की बुवाई हो जो 10 साल से कम का बीज हो, उसी की बुवाई करें.
संतुलित खाद का उपयोग करें
पोषण प्रबंधन के लिए अंतिम बखरनी से पहले गोबर की खाद 5-10 टन/हेक्टेयर या मुर्गी की खाद 2.5 टन/हेक्टर को खेत में अच्छी तरह फैला दें. कार्बनिक खादों के अतिरिक्त सोयाबीन के लिए जरूरी पोषक तत्वों (20:60:40:20 किग्रा/हेक्टेयर एनःपीःकेः सल्फर) की पूर्ति केवल बोवनी के समय करें.
बोवनी-बीजोपचार ऐसे करें
कृषि उपसंचालक सागर के अधिकारी जितेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि 2-3 सेमी की गहराई पर बुवाई कर पौधे से पौधे की दूरी 5-10 सेमी रखें. बीज दर 60-70 किग्रा/हेक्टेयर की दर से उपयोग करें. बीज को अनुशंसित पूर्व मिश्रित फफूंदनायरक एजोक्सीस्ट्रोबिन 2.5%+थायोफिनेट मिथाइल 11.25% + कीटनाशक थायोमिथाक्जाम 25% एफएस (10 मिली/ किग्रा) बीज से उपचारित करें. अन्य विकल्प के रूप में अनुशंसित फफूंदनाशक पेनफ्लूफेन ट्राई फ्लॉक्सीस्ट्रोबिन 38 एफएस (0.8- 1.0 मिली/किग्रा) बीज अथवा कार्बोक्सिन 37.5% + थाइरम 37.5% (3 ग्राम/किग्रा) बीज या कार्बेन्डाजिम 25% + मैन्कोजेब 50% डब्ल्यूएस (3 ग्राम/किग्रा) बीज से उपचारित करें. इसके बाद कुछ देर के लिए छाया में सुखाएं. फिर अनुशंसित कीटनाशक थायोमिथाक्जाम 30 एफएस (10 मिली/किग्रा) बीज या इमिडाक्लोप्रिड 48 एफएस (1.25 मिली/किग्रा) बीज की दर से उपचारित कर बुवाई करें.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 16:21 IST