जयपुर. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान में पेपर लीक माफियाओं के खिलाफ एक्शन तेज कर दिया है. ईडी अब पेपर लीक माफियाओं पर ताबड़तोड़ शिकंजा कसती जा रही है. इसी कड़ी में ईडी ने अब राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा से जुड़ी संपत्तियों को जब्त कर लिया है. आज बाबूलाल कटारा और उनके बेटे दीपेश कटारा से जुड़ी संपत्तियों पर कार्रवाई की गई. उनकी संपत्तियों को भारत सरकार के नाम कर दिया गया है.
ईडी ने बाबूलाल कटारा और उनकी बेटे दिपेश से जुड़ी संपत्तियों में डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर वाणिज्यिक भूखंड का अधिग्रहण कर लिया है. यह वाणिज्यिक भूखंड डूंगरपुर की राजपुर विस्तार योजना में खसरा नंबर 1229 पर स्थित है. ईडी दीपेश कटारा के नाम से खरीदी गई जमीनों का भी अधिग्रहण कर रही है. इसके तहत भाटपुर गांव के खसरा नंबर 401 402 पर भी ED ने कब्जा लिया है. दीपेश के नाम से गांव में स्थित अन्य खसरा नंबर 515, 516 और 517 की जमीन पर भी ED ने कार्रवाई की है.
ईडी ने इन संपत्तियों को भी किया जब्त
इनके अलावा दीपेश कटारा की मालपुर गांव में स्थित खाता नंबर 110 की जमीन को भी ईडी ने अपने कब्जे में ले लिया है. मालपुर गांव की खसरा नंबर 703, 707 और खसरा नंबर 469, 470, 471 की संपत्तियों पर यह कार्रवाई की गई है. दीपेश कटारा से जुड़ी सभी संपत्तियां भारत सरकार की संपत्तियां अब बन जाएंगी. ईडी ने एडजुकेटिंग अथॉरिटी से मंजूरी मिलने के बाद जब्ती की यह कार्रवाई की है.
पेपर लीक माफिया अनिल मीणा की संपत्ति भी जब्त हो चुकी है
उल्लेखनीय है कि बाबूलाल कटारा और उनके बेटे दीपेश ने बेरोजगारों से करोड़ों रुपये ऐंठकर ब्लैक मनी एकत्र कर चल और अचल संपत्तियां बनाई है. ED की इस कार्रवाई के बाद ये सभी संपत्तियां भारत सरकार के नाम चढ़ा दी गई है. इससे पहले भी हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय की दिल्ली और राजस्थान की टीमों ने कुख्यात पेपर लीक माफिया अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह की अजमेर स्थित संपत्तियों को जब्त किया था. अनिल मीणा पूर्व में वाइस प्रिंसिपल के पद पर पदस्थ रहा है. उसकी पोल खुलने के बाद वह फरार हो गया था. बाद में उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. एसओजी ने उसे उड़ीसा से गिरफ्तार किया था.
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FIRST PUBLISHED : March 13, 2024, 17:59 IST