बाड़मेर. कहते है कि कोई नेक मकसद के लिए कदम बढ़ाता है तो लोग खुद-ब-खुद उससे जुड़ते जाते है. ऐसा ही कुछ नजर आता है भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर के छोटे से गांव लंगेरा के रहने वाले नरपतसिंह राजपुरोहित के साथ. अपने वन्य जीवों, पक्षियों और पर्यावरण के लिए किए गए कार्यो की वजह से ग्रीनमेन के नाम से जाने जाने वाले नरपतसिंह राजपुरोहित के गर्मियों के मौसम में बढ़ाए एक कदम के चर्चे इन दिनों हर तरफ है.
इंसान अपनी जिंदगी में घर-परिवार, बच्चे और माता-पिता के लिए जीता है,उनके लिए दिन रात मेहनत करता है. यही जिंदगी की रवायत है लेकिन कुछ विरले ऐसे भी होते हैं जो पर्यावरण, पशु-पक्षी और पेड़-पौधों के लिए जीते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी है ग्रीनमेन नरपतसिंह राजपुरोहित की. नरपतसिंह बीते 11 सालों से पर्यावरण सरक्षंण का काम कर रहे है. साथ ही पिछले 6 सालों से वह वन्यजीवों के लिए दाना-पानी के जुगाड़ में लगे हुए है.
अपने घर के पास शुरू किए गए इस नेक काम के कांरवे को हर तरफ से प्रोत्साहन मिल रहा है. बाड़मेर ही नहीं राज्य भर से लोग बेजुबान पक्षियों और वन्य जीवों के लिए लोग आगे आ रहे है. लोग नरपतसिंह राजपुरोहित के काम को ना केवल प्रोत्साहित कर रहे है बल्कि उनको आर्थिक सहयोग देकर बढ़ावा भी दे रहे है.
वर्तमान में नरपत सिंह ने अपने गांव लंगेरा सहित आसपास के गांवों में दस से अधिक पानी के कुंड बनवाए हैं और इनमें नियमित पानी भरकर खुद मॉनिटरिंग करते हैं. यहां सुबह जल्दी और रात के समय तालाब और कुंडों पर दर्जनों वन्य जीव पानी पीने के लिए पहुंचते हैं. नरपतसिंह राजपुरोहित लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि उनसे प्रेरित होकर राजस्थान के कई जिलों में 350 से अधिक युवाओं ने भीषण गर्मी में पानी के कुंड बनाकर पशु-पक्षियों के लिए पानी उपलब्ध करवाया है.
राजपुरोहित के मुताबिक उन्होंने इस साल अलग अलग तालाबों और कुंडों में करीब 500 से अधिक पानी के टैंकर डलवाए है जिससे किसी भी पशु-पक्षी की पानी से मौत नहीं हो. वह बताते हैं कि उनके द्वारा बनाए गए पानी के कुंड यानी वॉटर हॉल पर रोजाना सैकड़ों वन्य जीव अपनी प्यास बुझाने आते हैं.
Tags: Barmer news, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 21:48 IST