पलामू: झारखंड के इकलौते पलामू टाइगर रिजर्व में 2023 से बाघों की चहल-पहल बढ़ी है. इसे लेकर वन विभाग बाघों के लिए सुविधा बढ़ाने को लेकर कई स्तर पर काम कर रहा है. वहीं बाघों को जंगल की बीच भोजन मिले इसके लिए नई योजना तैयार की गई है, जिसके तहत टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 360 से भी अधिक वन्य जीव लाने की तैयारी है.
टाइगर रिजर्व कई वर्षों से बाघ विहीन था. मार्च 2023 में एक बाघ पलामू टाइगर रिजर्व में आया. हालांकि, कुछ हफ्तों में ही वो बाघ गायब हो गया. इसके बाद अक्टूबर के महीने में इस इलाके में फिर से बाघ देखे जाने की खबर ने लोगों के चेहरे पर खुशी ला दी. वर्तमान में यहां बाघों की संख्या चार है, जिनके भोजन के लिए वन विभाग ने खास तैयारी की है.
पीटीआर में आएंगे जानवर
पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने Local 18 को बताया कि टाइगर रिजर्व में वन्य जीव की संख्या बढ़ाने और बाघों के लिए भोजन उपलब्ध कराने को लेकर नई योजना बनाई गई थी, जिसके तहत रिजर्व क्षेत्र में चार सॉफ्ट रिलीज सेंटर बनाए गए हैं. जहां बोमा तकनीक से वन्य जीव को पकड़ कर रखा जा रहा है. बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में अधिक संख्या में कई वन्य जीव मौजूद हैं. जहां से 360 की संख्या में हिरण, काले हिरण समेत अन्य वन्य जीव को लाया जाएगा. इसमें स्पॉटेड हिरण-269, काले हिरण-44, सांभर-18, बार्किंग डीयर-14, नीलगाय-13 और दो बाइसन लाए जाएंगे.
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन से मिली मंजूरी
आगे बताया कि पलामू टाइगर रिजर्व में बने सॉफ्ट रिलीज सेंटर में हिरण और अन्य जानवरों को ब्रीडिंग करने की योजना है. इसके साथ टाइगर रिजर्व में हिरण और काले हिरण के लाने की योजना तैयार की गई थी. इसे लेकर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी और नेशनल जू अथॉरिटी से अनुमति मांगी गई थी. अथॉरिटी द्वारा री-लोकेशन की मंजूरी मिल चुकी है.
जुलाई में आएंगे वन्य जीव
भीषण गर्मी के कारण इस महीने जानवरों को नहीं लाया जा रहा है. तापमान अधिक होने के कारण जुलाई के दूसरे सप्ताह तक जानवरों के री-लोकेशन का कार्य शुरू किया जाएगा. हिरण तथा काले हिरण को बोमा तकनीक से री-लोकेशन किया जाएगा. पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला क्षेत्र में सबसे अधिक हिरण और चीतल हैं, जिनकी संख्या अब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैले पूरे पलामू टाइगर रिजर्व में बढ़ाई जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 23:35 IST