पंजाब उपचुनाव: जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया द्वारा वोटरों को धमकाने पर चुनाव आयोग का एक्शन
पंजाब की डेरा बाबा नानक विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में हरियाणा की कुरुक्षेत्र जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया द्वारा वोटरों को धमकाने की शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग ने त्वरित कार्रवाई की है। इस मामले में निर्वाचन आयोग ने हरियाणा जेल विभाग को पत्र लिखकर आरोपी पर कड़ी नजर रखने और उसके आसपास के इलाके की गहराई से जांच करने का अनुरोध किया है, ताकि यह पता चल सके कि आरोपी के पास कोई संचार उपकरण जैसे मोबाइल फोन या अन्य डिवाइस तो नहीं हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार जतिंदर कौर के पति और गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से शिकायत की थी। उनका आरोप था कि जग्गू भगवानपुरिया वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को धमका रहा है, खासकर कांग्रेस को वोट देने वालों को। रंधावा ने कहा कि गैंगस्टर की मां जेल में जाकर अपने फोन से उसे बात करने देती है और वह लोगों को धमकी दे रहा है कि अगर उपचुनाव में कांग्रेस को वोट दिया तो इसका परिणाम भुगतना होगा।
रंधावा ने इस मामले की पूरी जांच की मांग करते हुए कहा कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उनका आरोप था कि उन्होंने पहले इस मामले को पुलिस के ध्यान में लाया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही, रंधावा ने यह भी कहा कि आरोपित को सरकार की शह प्राप्त है।
सुखजिंदर सिंह रंधावा का आरोप: जेल से गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया चुनावी धमकियां दे रहा है, जांच की मांग
सुखजिंदर सिंह रंधावा, जो पहले डेरा बाबा नानक से विधायक थे और अब गुरदासपुर से सांसद हैं, ने जेल में बंद गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया द्वारा वोटरों को धमकाने के मामले में गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा कि जेल से यह सब कैसे हो रहा है, जबकि कुछ दिन पहले ही जग्गू से मोबाइल बरामद हुआ था, जिसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
रंधावा ने आरोप लगाया कि उनके परिवार को सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई गई है, लेकिन गैंगस्टर की धमकियों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गैंगस्टर की बात नहीं मानेगा, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
रंधावा ने चुनाव आयोग और संबंधित अधिकारियों से इस मामले की गहन जांच करने की मांग की और कहा कि इसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।