जगजीत सिंह डल्लेवाल की हिरासत और किसानों का आंदोलन
डल्लेवाल की गिरफ्तारी और मरणव्रत की घोषणा
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिसके बाद हरियाणा और पंजाब के खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों का भारी जमावड़ा बढ़ने लगा। डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर मरणव्रत पर बैठने से पहले ही सोमवार रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हें लुधियाना के DMC अस्पताल में भर्ती कर दिया। अस्पताल के आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया है ताकि कोई उनसे संपर्क न कर सके।
पुलिस की निगरानी और संघर्ष का बढ़ता माहौल
अस्पताल में डल्लेवाल कुछ नहीं खा रहे हैं और उनके समर्थक इसे मरणव्रत के रूप में देख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल में करीब 100 पुलिसकर्मी तैनात हैं, जो डल्लेवाल की सुरक्षा और निगरानी कर रहे हैं। उन्हें किसी भी अस्पताल वार्ड में नहीं रखा गया है, बल्कि उन्हें इमरजेंसी के VIP रूम में रखा गया है। मंगलवार रात को फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी।
शंभू बॉर्डर पर रास्ता खोलने की तैयारी
इस बीच, शंभू बॉर्डर पर किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। इसके लिए शंभू बॉर्डर पर 4 फुट का रास्ता खोलने की तैयारी की जा रही है। किसानों ने वीडियो शेयर किया जिसमें कुछ लोग सीमेंट की बैरिकेडिंग पर हथौड़ा मारते हुए दिखाई दे रहे थे, हालांकि, अभी तक काम रुका हुआ है। इस दौरान माहौल में और भी तनाव बढ़ गया है, और किसानों का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है।
मंगलवार (26 नवंबर) को कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पूनिया ने खनौरी बॉर्डर पर जाकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी के विरोध में अपना समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर अपनी तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी के विरोध और किसानों की मांगों के समर्थन में खनौरी बॉर्डर पहुंचकर अपना समर्थन दिया। किसानों के हक की लड़ाई में हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा।”
किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि सरकार किसान विरोधी है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय किसान यूनियन हमेशा उन लोगों का समर्थन करेगी जिनके साथ धक्केशाही की जाएगी।
आम आदमी पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल की गिरफ्तारी को लेकर अभी तक मुख्यमंत्री से बात नहीं हो पाई है। इसके साथ ही उन्होंने रवनीत सिंह बिट्टू को किसानों और किसानी के विषय पर बोलने का अधिकार नहीं दिया, क्योंकि बिट्टू लंबे समय से किसानों के खिलाफ अपशब्द बोलते आ रहे हैं। अमन अरोड़ा ने बिट्टू को चुप्पी साधने की सलाह दी।
पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिंह सिद्धू ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी और मरणव्रत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रशासन उनकी उम्र और सेहत को लेकर चिंतित था। डल्लेवाल ने मरणव्रत की घोषणा की थी और उनके स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर प्रशासन ने यह निर्णय लिया कि उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। इसी कारण डल्लेवाल को लुधियाना डीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी सेहत पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन का मानना है कि मरणव्रत के कारण भीड़ इकट्ठा हो सकती थी, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो सकती थीं।
जब किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को गिरफ्तार किया गया, तो किसानों में आक्रोश फैल गया। किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि यह किसान आंदोलन का दूसरा चरण है। किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय दिया है, ताकि सरकार उनसे बातचीत करे। यदि सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे।
किसानों का कहना था कि डल्लेवाल की गिरफ्तारी में सुरक्षा चूक हुई थी, और अब उनका सुरक्षा पहरा और मजबूत किया जाएगा। वे सुनिश्चित करेंगे कि इस बार मरणव्रत पर बैठे साथी तक पुलिस न पहुंच सके।
इसके साथ ही, डल्लेवाल ने अपनी ज़मीन परिवार के नाम कर दी थी, ताकि अगर कुछ हो तो कोई विवाद न हो। 6 दिसंबर को दिल्ली कूच के बारे में उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह आमरण अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कहा था कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं तो वह अपनी जान भी कुर्बान कर देंगे और उनकी मौत के बाद भी आंदोलन जारी रहेगा।
सरवन सिंह पंधेर ने भी 18 नवंबर को ऐलान किया था कि किसान 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे, लेकिन इस बार ट्रैक्टर-ट्रॉली के बजाय किसान पैदल मार्च करेंगे। इसमें पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान शामिल होंगे।