पीयूष शर्मा/मुरादाबाद. यूपी का मुरादाबाद जिला अपने पढ़े-लिखे महिला प्रधानों की वजह से चर्चा में है. जिले की 335 पंचायतों में प्रधान के पद पर महिलाएं हैं, जिन्होंने गांव के विकास की जिम्मेदारी संभाल रखी है. इनमें बुजुर्ग से युवा तक शामिल हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि 100 से अधिक शिक्षित हैं. इनमें से कई के पास स्तानकोत्तर की डिग्री है. मुरादाबाद जनपद में कुल 643 ग्राम पंचायत है, जिनमें 335 प्रधान महिला हैं. इनमें 15 के पास पीजी की डिग्री है, जबकि 24 स्नातक, इतनी ही इंटरमीडिएट और 18 हाई स्कूल पास हैं. पांचवीं से आठवीं पास 204 महिला ग्राम प्रधान हैं.
इन प्रधानों का कहना है कि महिला की समस्या एक महिला ही बेहतर तरीके से समझ सकती है. गांव की महिलाओं को जागरूक किया जाता है. वह घर में कैद ना रहे इसके साथ ही वह खुद भी आत्मनिर्भर बनकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकती हैं. मुरादाबाद के डीपीआर वाचस्पति झा ने बताया कि जनपद की 643 ग्राम पंचायतों में से 335 में महिला ग्राम प्रधान हैं. यह सभी अपने गांव की जरूरत के मुताबिक योजनाएं तैयार करती हैं. मौके पर पहुंचकर काम की जांच भी करती हैं. सभी बैठकों में हिस्सा लेकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी देती हैं.
गांव के विकास में अनुभव का सहारा
जिले में कई महिला ग्राम प्रधान कम पढ़ी-लिखी होने के बावजूद दुनिया देखने के अपने नजरिए से विकास कार्यों में पीछे नहीं है. अपने व्यवहारिक ज्ञान की मदद से रास्ते में आने वाली हर समस्या को दूर करने को तैयार रहती हैं. महिला प्रधान मौके पर पहुंच कर गांव के विकास कार्य पर नजदीक से निगाह रखती हैं. गांव में बेहतर कार्य के लिए ब्लॉक से लेकर जिले तक सुझाव देती हैं. कई को पंचायती राज और मनरेगा एक्ट की बेहतर जानकारी है.
FIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 19:54 IST