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कांग्रेस के ल‍िए इस राज्‍य से आई टेंशन, अपनों ने ही उठाई ऐसी मांग, पूरा करना नहीं होगा आसान

बेंगलुरु, लोकसभा चुनाव में पहले के मुकाबले अच्‍छे प्रदर्शन से खुश कांग्रेस के ल‍िए कर्नाटक से टेंशन देने वाली खबर सामने आ रही है. राज्‍य के कई मंत्रियों ने एक बार फ‍िर तीन और डिप्‍टी सीएम बनाने की मांग तेज कर दी है. उनका कहना है क‍ि ऐसा वादा क‍िया गया था, जिसे अब पूरा क‍िया जाना चाहिए. इस बीच राज्‍य कांग्रेस प्रमुख डीके श‍िवकुमार का भी बयान आया है. उन्‍होंने साफ कहा क‍ि इस मामले में पार्टी का केंद्रीय नेतृत्‍व फैसला करेगा.

कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है. लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल कुछ मंत्री वीरशैव-लिंगायत, एससी/एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं को ड‍िप्‍टी सीएम पद दिए जाने की मांग कर रहे हैं. फ‍िलहाल वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले शिवकुमार को ही डिप्‍टी सीएम बनाया गया है. जब तीन और डिप्‍टी सीएम बनाने और पार्टी प्रदेश अध्‍यक्ष को बदलने से जुड़ा सवाल डी के श‍िवकुमार से पूछा गया, तो उन्‍होंने साफ कहा-पार्टी फैसला करेगी… मुझे उन सभी चीजों के बारे में पता नहीं है. कहा जा रहा क‍ि मंत्रियों का बयान सिद्धारमैया के खेमे द्वारा शिवकुमार को नियंत्रण में रखने की योजना का हिस्सा है. सिद्धारमैया को डर है क‍ि ढाई साल पूरा होते ही डीके श‍िवकुमार सीएम पद पर दावेदारी न ठोक दें. इसल‍िए वह सरकार और पार्टी में उनका प्रभाव कम करने की कोश‍िश में हैं.

ये भी कहा जा रहा है क‍ि जिन मंत्रियों ने तीन और ड‍िप्‍टी सीएम बनाने की वकालत की है, उन्हें सिद्धारमैया का बेहद करीबी माना जाता है. सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने कहा कि उन्‍होंने लिंगायत, एससी/एसटी और अल्‍पसंसख्‍यक समुदाय से एक-एक डिप्‍टी सीएम बनाने का प्रस्‍ताव रखा है. राजन्‍ना भी ऐसी मांग कर रहे हैं. उनका दावा है क‍ि बीजेपी पहले ऐसा कर चुकी है. आवास मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान को अधिक डीसीएम रखने की मांग में कुछ भी गलत नहीं लगता. उन्‍होंने कहा, हर किसी की इच्छा होगी. सभी समुदायों से डिप्टी सीएम पद की मांग होगी, चाहे वह मुस्लिम समुदाय हो, लिंगायत हो, एससी/एसटी हो. वोक्कालिगा समुदाय से आने वाले डीके शिवकुमार तो पहले ही डिप्‍टी सीएम हैं. अन्‍य समुदायों को भी बराबरी का मौका मिले, इसमें गलत क्‍या है. हमारी हाईकमान पार्टी है, वे ही अंततः निर्णय लेंगे कि देना है या नहीं देना है.

समाज कल्याण मंत्री एचसी महादेवप्पा ने कहा, संविधान में ऐसे पदों के लिए कोई कोटा नहीं है और पद व्यक्ति की क्षमता के आधार पर दिया जाता है. कई दलित नेताओं के पास क्षमता है और उसके आधार पर उन्‍हें यह पद दिया जाना चाह‍िए. यह कोटा के आधार पर नहीं होना चाह‍िए. यह पूछे जाने पर कि क्या यह शिवकुमार को कमजोर करने का प्रयास है, उन्होंने कहा, कोई किसी को कमजोर नहीं कर सकता. जो भी निर्णय लेना है वह अंततः कांग्रेस आलाकमान द्वारा तय किया जाएगा. जब मुझसे मेरी राय पूछी जाएगी तो मैं बताऊंगा. इससे पहले, लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने भी पार्टी के साथ खड़े समुदायों को ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव के पक्ष में बात की थी.

पिछले साल मई में जब कांग्रेस भारी बहुमत से जीतकर आई, तो सिद्धारमैया और डीके श‍िवकुमार के बीच कड़ी प्रत‍िस्‍पर्धा थी. उस वक्‍त डीके श‍िवकुमार को ही एक मात्र डिप्‍टी सीएम बनाया गया. कहते हैं इसके ल‍िए कांग्रेस को काफी मान मनौव्‍वल करनी पड़ी. अब एक बार फ‍िर तीन डिप्‍टी सीएम की आवाज बुलंद हो रही है. हालांकि, आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने इसे मंत्रियों की व्‍यक्‍त‍िगत राय बताया. कहा, हर किसी को पूछने का अधिकार है, उन्हें जाकर आलाकमान से पूछना चाहिए, लेकिन अगर अधिक उपमुख्‍यमंत्री बनाने से ही सब कुछ होगा, तो एक सीएम बनें और कैबिनेट में बाकी सभी को डिप्‍टी सीएम बना दिया जाए. लेकिन क्या यह संभव है? माना जा रहा है क‍ि यह मुद्दा और जोर पकड़ सकता है और दक्ष‍िण के इस राज्‍य में कांग्रेस के ल‍िए मुश्क‍िलें बढ़ सकती हैं.

Tags: Congress Government, Karnataka Congress

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