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मछली पालन के दौरान मछलियों की फीडिंग, तालाब की साफ-सफाई तथा तालाब में मछलियों के लिए ऑक्सीजन की पूर्ति में जो खर्च आता है, बत्तख पालन से ये सभी खर्चे लगभग खत्म हो जाते हैं. दरअसल, बत्तखों को मछली पालन के तालाब में रखने से तालाब की सफाई में मदद मिलती है, क्योंकि वे गंदगी को खाते हैं. इसके अलावा बत्तखों के तैरने से तालाब का ऑक्सीजन लेवल बना रहता है. इससे मछलियों को अच्छा वातावरण मिलता है और मछलियों का विकास बेहतर होता है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि पानी में बत्तखों का वीड, मछलियों के लिए बेहतर आहार का काम करता है. मछलियां इसे बड़े चाव से खाती है. ऐसे में यदि इन सभी दृष्टिकोणों से देखा जाए तो, मत्स्य पालन में आने वाले कुल खर्च में करीब 60 फीसदी तक की बचत सिर्फ बत्तख पालन से कर सकते हैं. बत्तख पालन के लिए कुछ खास प्रजातियों का चुनाव कर सकते हैं, जिसमें एलिसबरी, मस्कोवी, खाकी कैंपबेल, इंडियन रनर आदि शामिल है.