अर्पित बड़कुल/दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर हटा नगर के बीचोबीच से निकलने वाला नाला नासूर बन गया है. इस नाले का नाम भले ही कंचन (सोना) है, लेकिन इसकी बदबू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. इस नाले के रास्ते शहर का सारा गंदा पानी सुनार नदी में जाता है, जिससे नदी भी प्रदूषित हो रही है. गजब तो ये है कि इस प्रदूषण की रोकथाम के लिए हटा नगर पालिका ने 15 साल में करीब 1 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन प्रदूषण नहीं रुका.
दरअसल, कंचन नाले की गंदगी साफ करने के लिए वर्ष 2009-10 में नपा द्वारा करीब 50 लाख रुपये की लागत से तीन फिल्टर प्लांट बनाए गए थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्लांट के निर्माण में अनियमितता बरती गई. 50 की जगह महज 38 लाख रुपये ही खर्च किए गए. इस वजह से गंदा पानी फिल्टर मीडिया प्लांट में न जाकर साइड से ही सुनार नदी में जाता रहा. इसके पहले लाखों खर्च कर बोरी बंधान कार्य भी कराया जाता रहा, पर उससे भी कुछ नहीं हुआ.
नाले पर ही बने अवैध शौचालय टैंक
लोगों का कहना है कि वंशी सागर से निकालने वाले नाले को पक्का करने के लिए करीब 50 लाख रुपए की राशि खर्च की गई थी. लेकिन, इस नाले के पक्का निर्माण के समय आसपास के अतिक्रमण को नहीं हटाया गया और न ही नाले पर अवैध रूप से बने शौचालय टैंक को बंद कराया गया. इस कारण नाला और अधिक गंदा हो गया और सारी गंदगी इस नाले के रास्ते नदी में जाती रही. इसी पूरी योजना पर अब तक एक करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
अब 8 करोड़ स्वीकृत
वहीं, इस पूरे मामले में हटा सीएमओ राजेन्द्र खरे ने बताया कि हमारे नगर के बीचोबीच एक गंदा नाल बहता है, जो वर्षों से है. उसकी रोकथाम के लिए स्वच्छता मिशन के तहत शासन द्वारा 8 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. उसका टेंडर लगाया जाना है. करीब 5 से 6 माह के अंतराल में इसकी कार्रवाई हो जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 21:01 IST