नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बाद अफ्रीकी देश में एक और वायरस फैल रहा है और इसे देखते हुए अन्य देशों ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। दरअसल एमपॉक्स वायरस को लेकर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने तत्काल जांच के लिए निगरानी बढ़ाए जाने के बीच एमपॉक्स को लेकर भारत की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
अधिकारियों के मुताबिक, अभी तक देश में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”इस बार वायरस का प्रकार अलग और अधिक विषैला और संक्रामक है। लेकिन मौजूदा आकलन के अनुसार देश में इसके निरंतर प्रसारण के साथ बड़े प्रकोप का खतरा कम है।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमा से लगे सभी हवाई अड्डों और भूमि बंदरगाहों पर अधिकारियों को एम्पॉक्स वायरस के लक्षणों की रिपोर्ट करने वाले आने वाले यात्रियों के प्रति सतर्क रहने को कहा।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी में किसी भी एम्पॉक्स रोगी के अलगाव, प्रबंधन और उपचार के लिए दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल को नोडल केंद्र के रूप में पहचाना है।
केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से अपने अधिकार क्षेत्र में ऐसे नामित अस्पतालों की पहचान करने को कहा है। पिछले हफ्ते, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वायरस के एक नए संस्करण के सामने आने के बाद एमपॉक्स के हालिया प्रकोप को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने और एम्पॉक्स के मामलों का तुरंत पता लगाने के लिए प्रभावी उपाय करने का निर्देश दिया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि बीमारी का शीघ्र पता लगाने के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित किया जाना चाहिए।
जनवरी 2023 में मौजूदा प्रकोप शुरू होने के बाद से डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में 27,000 मामले और 1,100 सेअधिक मौतें हुई हैं, मुख्य रूप से बच्चों में।