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इस दिन से शुरू होगा सावन का महीना; जानिए शुभ तिथि, मुहूर्त और पूजा की विधि

ओम प्रयास /हरिद्वार: भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माह और उनके निमित्त श्रद्धा भक्ति भाव से पूजा पाठ करने, व्रत करने और मनवांछित फल प्राप्त करने वाला श्रावण मास शुरू होने वाला है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हिंदू कैलेंडर के चातुर्मास का श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है. सोमवार 22 जुलाई 2024 से श्रावण माह शुरू होगा. इस माह में भगवान भोलेनाथ के निमित्त विशेष पूजा पाठ, व्रत और भगवान भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि करने से जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिल जाता है. भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर सभी सुख प्रदान कर देते हैं. भगवान भोलेनाथ का हरिद्वार से अटूट लगाव है. हरिद्वार का प्राचीन नाम हरिद्वार यानी हर का द्वार हैं. श्रावण माह में भगवान भोलेनाथ के निमित्त हरिद्वार में पूजा पाठ करने से पूजा करने का कई लाख गुणा अधिक फल प्राप्त होता है.

श्रावण मास के महत्व को लेकर हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि श्रावण मास का महत्व सभी तीर्थ स्थानों पर होता है. लेकिन, हरिद्वार में श्रावण मास का महत्व सबसे अधिक माना गया है. श्रावण माह 22 जुलाई सोमवार से श्रवण नक्षत्र में शुरू होगा और श्रावण माह का समापन श्रवण नक्षत्र तथा धनिष्ठा नक्षत्र में होगा. इस बार श्रावण माह में पांच सोमवार हैं. श्रावण माह में पांच सोमवार का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. हरिद्वार का नाम भगवान भोलेनाथ से जुड़ा है. हरिद्वार का प्राचीन नाम हरद्वार यानि हर का द्वार (भगवान भोलेनाथ का द्वार) है. भगवान भोलेनाथ के नाम से यह तीर्थ स्थान हरद्वार नाम से प्रसिद्ध है.

भोले बाबा का ससुराल में भी होती पूजा-अर्चना
हरिद्वार में भगवान भोलेनाथ के बहुत से प्राचीन सिद्ध पीठ स्थल हैं. भगवान भोलेनाथ के इन सिद्ध पीठ और पौराणिक स्थलों पर जाकर पूजा पाठ करने और भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय का जाप, दुग्धाभिषेक आदि करने से सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है. भगवान भोलेनाथ के इन सिद्ध पीठ स्थलों का वर्णन कई धार्मिक ग्रंथो में किया गया है. हरिद्वार में भगवान भोलेनाथ की ससुराल है, जहां की बहुत अधिक मान्यता बताई गई है. भगवान भोलेनाथ का ससुराल हरिद्वार की उप नगरी कनखल में स्थित है. श्रावण माह में कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ की पूजा अर्चना, महामृत्युंजय का जाप करने और उनका रुद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक आदि करने की बहुत अधिक मान्यता है.

Tags: Local18, Sawan somvar

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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