Will Ayushman Bharat Yojana really be closed – News18 हिंदी

रामकुमार नायक/रायपुर. हर वर्ग के लिए वरदान साबित होने वाली आयुष्मान भारत योजना बंद हो सकती है? ऐसा इसलिए क्योंकि छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों का लगभग 800 करोड़ रुपए बकाया है. भुगतान को लेकर IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों ने नाराजगी जताई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों का लगभग 800 करोड़ रुपए बकाया है. सभा में डॉक्टरों ने योजना के तहत काम बंद करने की चेतावनी दी है. आयुष्मान भारत योजना से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में अब तक कुल 21746087 आयुष्मान ई कार्ड बनाए गए हैं. अब तक 5523631 क्लेम के तहत 3263558 लोग लाभान्वित हुए हैं. आयुष्मान भारत योजना शहरी के अलावा खासकर गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित हुई थी लेकिन क्या अब यह योजना बंद हो जाएगी इसको लेकर संशय की स्थिति बनी है.

IMA रायपुर अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना को लेकर लगातार लंबित भुगतान के स्थिति रही तो छोटे अस्पताल लगभग बंद होने की स्थिति आ गए हैं. कई बड़े अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत काम करना बंद कर चुके हैं मरीजों को लौटाना शुरू कर दिया है. यदि लंबित भुगतान की स्थिति आने वाले दिनों में सही नहीं होती तो मजबूरी में पूरा काम करना बंद करना पड़ेगा. क्योंकि दवाइयों का बिल, हॉस्पिटल स्टॉफ की सैलरी या विजिट करने वाले डॉक्टर को पैसे देने पड़ते हैं. वह देने की स्थिति में छोटे अस्पताल नहीं हैं. जब तक कैश फ्लो ठीक नहीं होगा तब तक यही स्थिति रहेगी.
ज्यादातर मरीज आयुष्मान कार्ड धारक होते हैं और छोटे अस्पतालों में लगभग 90% मरीज आयुष्मान भारत योजना के कार्ड धारक होते हैं. इसलिए जब तक राशि नहीं मिलेगी तब तक काम करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है. कई अस्पताल संचालक ने यह भी कह दिया है कि गैर जरूरी या तुरंत ऑपरेशन की जरूरत नहीं है उनको टाल दिया जाए. डॉ राकेश गुप्ता का आगे कहना है कि छत्तीसगढ़ में करीब 100% अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज करते हैं. ऐसे 800 नर्सिंग होम है जहां मरीजों की संख्या बहुत रहती है.

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भुगतान न होने से आ रही समस्या
राजधानी रायपुर में ही करीब 260 अस्पताल हैं जहां मरीजों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत किया जाता है. छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों से ग्रामीण बेहतर इलाज के लिए रायपुर आते हैं. पूरे प्रदेश के अस्पतालों का करीब 800 करोड़ रुपए का भुगतान निजी और सरकारी अस्पतालों का बचा है. यदि निजी अस्पतालों में भुगतान की स्थिति ठीक नहीं हुई तो हमें मरीजों का इलाज बंद करना पड़ेगा. यह अनचाही स्थिति है फिर भी अस्पतालों को अपने हित में यह कदम उठाना पड़ रहा है ज्यादा उधारी नहीं रख सकते. IMA और निजी अस्पताल संचालकों के द्वारा दो बार छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात हो चुकी है. एक बार तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणु पिल्ले से भी मुलाकात हो चुकी है. मुख्यमंत्री के भी संज्ञान में यह बात है लेकिन फिर भी भुगतान की स्थिति नहीं बनी है ना ही कोई उम्मीद है.

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