प्रयागराज. संगम नगरी प्रयागराज में जून के महीने में आसमान से आफत बरस रही है. हीट वेव के चलते मरने वालों की भी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बीते 24 घंटे की अगर बात करें तो प्रयागराज में कुल 35 शवों का पोस्टमार्टम किया गया है, जबकि अभी 50 शवों का पोस्टमार्टम करना बाकी है. सूत्रों के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल परिसर में स्थित मॉर्डन पोस्टमार्टम हाउस में अधिकतम 10 से 15 शवों का ही पोस्टमार्टम हर दिन होता है लेकिन बीते 48 घंटे में बढ़े शवों की संख्या हैरान और परेशान करने वाली है. खास बात यह है कि ज्यादातर शवों की अब तक शिनाख्त भी नहीं हो सकी है. शवों की संख्या बढ़ाने की वजह हीट वेव से हो रही मौतें मानी जा रही है. हालांकि ज्यादातर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है.
पोस्टमार्टम हाउस की हालत यह हो गई है कि यहां पर शवों को रखने तक के लिए जगह नहीं बची है. शवों को प्रतीक्षालय में रखना पड़ रहा है. पोस्टमार्टम हाउस में अलग से कोल्ड रूम बनाया गया है. इस कोल्ड रूम का तापमान इतना रखा गया है कि जिससे शव यहां पर खराब ना हो.
प्रयागराज के सीएमओ डॉक्टर आशु पांडेय के मुताबिक लावारिस शवों की संख्या इन दिनों बढ़ गई है. इन्हें 72 घंटे तक सुरक्षित रखने का नियम है. उसकी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. हालांकि मौसम में थोड़ा बदलाव आया है. इससे लाशों के खराब होने की आशंका थोड़ी कम जरूर हुई है. उनका मानना है की स्थिति और गंभीर हुई तो और दूसरे इंतजाम भी किए जाएंगे.
श्मशान घाटों पर भी लगातार धधक रही चिताएं
पोस्टमार्टम हाउस के अलावा श्मशान घाटों पर भी लगातार चिताएं धधक रही हैं. पिछले एक हफ्ते से प्रयागराज के चार प्रमुख श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है. फाफामऊ श्मशान घाट पर मंगलवार को अकेले 40 शवों का अंतिम संस्कार किया गया, जबकि अप्रैल तक यहां सिर्फ 6 से 7 ही शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे. पिछले एक महीने में श्मशान घाटों पर भी मंजर पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है. 15 दिन पहले रोज 20 से 22 शवों का अंतिम संस्कार हो रहा था तो वहीं अब शवों की संख्या अचानक बढ़ने से श्मशान घाटों पर अतिरिक्त लकड़ी का भी इंतजाम करना पड़ रहा है. प्रयागराज में छतनाग, दारागंज, फाफामऊ रसूलाबाद और श्रृंगवेरपुर श्मशान घाटों पर सुबह से लेकर देर शाम तक शवों के अंतिम संस्कार के लिए लाइनें लगी हुई हैं.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अंतर बहुत कम है. इसकी वजह से देर शाम को भी लोग हीट वेव का शिकार हो रहे हैं. उनके मुताबिक जब तक न्यूनतम तापमान कम नहीं होगा, तब तक इसी तरह के हालात बने रहेंगे. जून के आखिरी हफ्ते में मानसून दस्तक दे सकता है, तभी राहत मिलने के आसार हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 20:04 IST