पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।
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गैंगस्टर भूप्पी राणा की हत्या करने चंडीगढ़ आए दो शूटरों समेत छह आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) 1967 के तहत कार्रवाई की जाएगी। ये सभी आरोपी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के इशारे पर अदालत में पेशी के दौरान भूप्पी राणा की हत्या करने की फिराक में थे, हालांकि उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
गुप्त सूचना पर पहले अपराध शाखा की टीम ने दोनों शूटरों को सेक्टर-43 स्थित न्यायिक परिसर के पास से गिरफ्तार किया। उनसे हथियार और वकीलों की ड्रेस बरामद हुई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह अदालत में पेशी के दौरान गैंगस्टर भूप्पी राणा की हत्या करने वाले थे। इसके बाद आरोपियों ने इनके दूसरे सहयोगियों को धर दबोचा। आरोपियों की पहचान सन्नी उर्फ सचिन उर्फ मैडी मनचंदा, उमंग, कैलाश गौतम उर्फ टाइगर, माया उर्फ कशिश उर्फ पूजा शर्मा, अनमोलप्रीत और परमिंदर सिंह के रूप में हुई थी। अब इनके खिलाफ पुलिस यूएपीए के तहत कार्रवाई करने जा रही है।
गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) आतंकवाद और देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े अपराधियों पर लगाया जाता है। चूंकि सभी आरोपी सीधे तौर पर गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से जुड़े थे और बराड़ को सरकार ने आतंकवादी घोषित कर रखा है। ऐसे में इन पर यह कानून लगाया जाएगा।
शूटर की हत्या से नाराज था गोल्डी बराड़
आतंकी गोल्डी बराड़ के एक खास शूटर की कुछ दिन पहले हत्या हुई थी। उसका शव यमुनानगर में नहर से बरामद हुआ था। गोल्डी बराड़ को लग रहा था कि उसकी हत्या भूप्पी राणा ने करवाई है। इसी कारण वह भूप्पी राणा से काफी नाराज था। बदला लेने के लिए उसने भूप्पी की हत्या की साजिश रची। इसके लिए रोहतक से सचिन और उमंग को बुलाया। दोनों ही गोल्डी बराड़ के शूटर हैं। उनकी मदद के लिए राजस्थान से माया उर्फ कशिश उर्फ पूजा शर्मा को बुलाया गया। वह भी भूप्पी राणा पर गोली चलाने वाली थी।