कमल पिमोली/श्रीनगर गढ़वाल: पौड़ी में वनाग्नि की घटनायें इस कदर बढ़ी की लोगों को अब शव दाह संस्कार तक के लिये भी उत्तराखण्ड वन विकास निगम जलौनी लकड़ी तक उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है. आलम यह है कि उत्तराखंड वन विकास निगम के शव दाह संस्कार के लिये बनाये गये जलौनी लकड़ी टाल खाली हो चुके हैं. जिससे लोगों को अब शव दाह संस्कार के लिये निजी लकड़ी टाल पर निर्भर होना पड रहा है. जहां प्रति क्विंटल 800 रुपये लोगों को जलौनी लकड़ी लेने के लिए चुकाने पड़ रहे हैं.
वनाग्नि की घटनाओं ने इस साल पौड़ी का अधिकतर जंगल राख कर डाला है. सूखी लकड़ियां जल चुकी हैं. जिसका नतीजा ये हुआ कि अब शव दाह संस्कार तक के लिये उत्तराखंड वन विकास निगम के पास जलौनी लकड़ी उपलब्ध नहीं है.
जलौनी लकड़ी की हुई शॉर्टेज
उत्तराखंड वन विकास निगम की जलौनी टाल में सामान्य लोगों के लिये प्रति क्विंटल 300 रुपये जबकि गरीब तबके के लोगों के लिये निशुल्क ही जलौनी लकड़ी उपलब्ध हो जाती थी, उत्तराखंड वन विकास निगम के प्रभागीय लॉगिंग प्रबंधक विक्रम सिंह की माने तो बीते 6 माह से जलौनी लकड़ी की कमी बरकरार है. बताते हैं कि कुछ समय पूर्व कर्णप्रयाग से जलौनी लकड़ी की व्यवस्था जरूर की गई थी, लेकिन ये लकड़ी भी खत्म हो जाने से टाल फिर से खाली हो चुके है. दूसरी ओर सूखे पेड़ों के लॉट उत्तराखंड वन विकास निगम को जल्द मिले इसके प्रयास किये जा रहे हैं.
निजी टॉल पर निर्भर
सामामिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी कहते हैं कि शव दाह संस्कार के लिये उत्तरखण्ड वन विकास निगम के टॉल खाली हो जाने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कहते हैं कि इस समस्या का जल्द समाधान निकाला जाना चाहिए. निजी जलौनी लकड़ी टॉल में 800 रूपये प्रति क्वींटल तक लकड़ी खरीदने को लोग मजबूर हैं.
डीएम ने दिए निर्देश
जिलाधिकारी पौड़ी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए वन विभाग को भी वन विकास निगम के लिये जलौनी लकड़ी की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं. डीएम पौड़ी डॉ आशिष चौहान ने कहा कि वन विभाग को लकड़ी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं. लकड़ी की जो कमी हो रही है, उसे जल्द दूर किया जाएगा. जिससे शव दाह संस्कार के लिये लोगों को निजी जलौनी लकड़ी टाल पर निर्भर न रहना पडे.
Tags: Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 14:39 IST