The journey from Ye Rishta Kya Kehlata Nishtha to Man Sundar Roohi was not easy for Nancy – News18 हिंदी

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया. ये रिश्ता क्या कहलाता है की निष्ठा से लेकर मन सुंदर की रूही तक का सफर आसान नहीं था. इसके लिए उन्होंने कई साल संघर्ष किया. यह कहानी है पूर्णिया की नैंसी रॉय की. नैंसी ने लोकल 18 से खास बातचीत में अपनी जर्नी को साझा किया. उन्होंने बताया कैसे पूर्णिया जैसी छोटी जगह से निकलकर पहले टीवी और अब बड़े पर्दे पर धूम मचाने की तैयारी की में हैं. नैंसी के पिता गणेश कुमार राय पूर्णिया फोर स्टार के पास फर्नीचर की होलसेल की दुकान चलाते हैं. उनकी माता प्रीति ग्रहणी है और भाई पढ़ाई कर रहा है.

टीवी की दुनिया की में नाम कमाने वाली नैन्सी रॉय कहती हैं कि फिल्मी दुनिया में जाने की शुरुआत 2022 में हुई थी. शुरुआती दिनों में छोटे मोटे रोल मिल रहे थे. फिर भाग्य-लक्ष्मी सीरियल में काम मिला. इसके बाद पहला ब्रेक ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’ में मिला. इसमें निष्ठा का रोल मिला. इस सीरियल ने काफी कुछ दिया. इसको 10 महीने तक किया. इस शो से बहुत कुछ सीखने, समझने की जानकारी मिली. इसके बाद से सिलसिला जारी है.

मन सुंदर में निभा रही है रूही का अहम रोल
नैंसी राय ने लोकल 18 से बात करते हुए कहा कि वह मन-सुंदर सीरियल जो दंगल चैनल पर प्रसारित होता है, इसमें बकायदा रूही का लीड रोल प्ले कर रही हूं. उन्होंने कहा कि यहां तक पहुंचने का सफर मुश्किलों भरा रहा. लेकिन परिवार और अपने लोगों का साथ निश्चित तौर मिले तो मंजिल आसानी से मिल जाती है. उन्होंने कहा कि माता-पिता की वजह से अब तक इस छोटे बड़े पर्दे तक पहुंच कर काम कर रही हूं और नाम कमा रही हूं.

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सही समय और सही लोगों का मिला सहयोग
नैन्सी रॉय कहती हैं कि सफल होने के लिए आपके पास अच्छे लोग, सही समय और सही माहौल का होना जरूरी है. इस मामले में मैं खुद को लकी मानती हूं. मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहकर अगर सही समय पर सही लोग मिल जाए तो निश्चित तौर पर आपको मंजिल मिल जाती है. बड़े-बड़े शहर में कई लोग ऐसे होते हैं कि आपको गलत सलाह और गलत-गलत जगह पर भेज देते हैं. जिस कारण आपकी परेशानी बढ़ सकती है. लेकिन अगर आप सच्चे मन से और अपने काम के प्रति पूरी निष्ठा रखते हैं, तो निश्चित तौर पर आपका काम अच्छा रहेगा और जल्दी मंजिल मिलेगी.

पूर्णिया में भी इसकी जरूरत
वह कहती है कि वह छोटे परिवार से आती है. वह छोटे शहर से है. यहां पर लोग एक्टिंग और मॉडलिंग को नहीं समझ पाते हैं. वह चाहते हैं कि पूर्णिया में भी इन चीजों की बच्चों को नॉलेज मिले, थिएटर के मॉडल स्कूल की क्लासेस खुले. यहां के बच्चों को भी नॉलेज मिले. डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर के अलावा भी बहुत बड़ी दुनिया है. जिसमें कैमरा डायरेक्शन एक्शन सहित अन्य कई चीजों के बीच वह अपनी प्रतिभा को आसानी से दिखा सकते हैं.

माता पिता का मिल रहा प्यार
नैन्सी मुंबई में रहती हैं और 5 दिन की छुट्टी लेकर वह पूर्णिया आई है. वह कहती हैं कि महीने में 13 दिन लगातार शूटिंग चलती है. जिसमें 12 घंटे लगातार काम करना पड़ता है. इस फील्ड में आपको लगातार काम करना पड़ता है. पिता गणेश कुमार राय ने बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि बेटी की मेहनत रंग ला रही है. पूर्णिया का नाम रोशन कर रही है.

Tags: Bihar News, Entertainment Special, Local18, Purnia news

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