मोहित शर्मा/करौली. महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. यह पर्व हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. इस साल यह पर्व 8 मार्च 2024 को मनाया जाएगा. शास्त्रों में महाशिवरात्रि को सबसे उत्तम पर्व बताया गया है.इस पर्व पर भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है.
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक है. यह पर्व अविवाहितों के लिए भी विशेष महत्व रखता है. जो अविवाहित कन्याएं राजकुमार जैसे वर की चाहत रखती हैं और जो अविवाहित लड़के राजकुमारी जैसी वधू की चाहत रखते हैं, उन्हें तो खासतौर पर महाशिवरात्रि पर्व वाले दिन पर यह आसान और सरल उपाय जरूर करने चाहिए. इन उपायों को करने से उन्हें इच्छित वर -वधु की न केवल प्राप्ति होगी बल्कि उनके दांपत्य जीवन में हमेशा सुख समृद्धि भी भगवान भोलेनाथ बनाए रखते हैं.
इच्छित फल की प्राप्ति के लिए सबसे बढ़िया है यह पर्व
पंडित रमेश चंद शास्त्री के अनुसार, इच्छित फल की प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि से बढ़कर कोई दूसरा पर्व नहीं है. यह पर्व भगवान शिव का वरदान है, जो वर्ष भर में एक बार कामना पूर्ति के लिए आता है. शास्त्री जी भागवत का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि जिन परिवारों में पति-पत्नी में अनबन रहती है और परिवार में बिखराव रहता है, उन्हें भगवान शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए. महाशिवरात्रि की पूजा से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि, परिवार में एकता और सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
पंडित रमेश चंद शास्त्री ने बताया कि जिन बालकों का विवाह नहीं हो रहा है और उन्हें इच्छित कन्या नहीं मिल रही है ऐसे बालकों को महाशिवरात्रि वाले दिन भगवान शिव की आराधना जरूर करनी चाहिए. ठीक इसी प्रकार जिन कन्याओं को इच्छित पति की प्राप्ति नहीं हो रही है उन कन्याओं को भी इस दिन भगवान शिव की आराधना जरूर करनी चाहिए.
आठों पहर शिव जी की करनी चाहिए पूजा
शास्त्री ने बताया कि इस दिन शिव की आठ पहर की आराधना का नियम है. जिसमें दिन में चार पहर और और रात्रि के चार पहर शामिल है. किंतु महाशिवरात्रि वाले दिन जितनी बार हो सके और जितना समय मिले उसमें महादेव की आराधना जरूर करनी चाहिए.
यें है आराधना का नियम
शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि वाले दिन पूजा का नियम यह है कि सबसे पहले शंकर जी के मंदिर में जाकर भगवान शिव की मूर्ति में शिव के स्वरूप का ध्यान करें और फिर उन्हें दूध, दही,घी, शहद और शक्कर से पंचामृत से उनको पंचामृत स्नान कराएं, शुद्ध जल से भोलेनाथ का स्नान करें और फिर गंगाजल से उनको स्नान कराएं. स्नान के बाद भोलेनाथ को अर्घ पुष्प, धतूरे के पुष्प और बिल्व पत्र के पुष्प पर ओम नमः शिवाय लिखकर उन्हें यह सभी चीज अर्पण करें.
शिव की प्रसन्नता के लिए इस मंत्र का करें जाप
शास्त्री ने बताया कि पंचामृत स्नान, पुष्प अर्पण और पूजा के बाद ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें. भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए यही सबसे बड़ा मंत्र है. महाशिवरात्रि के पर्व पर ऐसा करने से इच्छित वर- वधु की चाहना रखने वाले अविवाहित बालक और कन्याओं की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. शास्त्री ने बताया कि परिवार के बिखराब को दूर करने और दांपत्य जीवन में सुख समृद्धि के लिए पति-पत्नी भी इन कार्यों को कर सकते हैं. क्योंकि महाशिवरात्रि इच्छित फल देने वाला सबसे बड़ा पर्व है.
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FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 08:47 IST