ओम प्रकाश निरंजन / कोडरमा. अप्रैल का महीना शुरू होने के साथ तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसे में गर्मी के मौसम में पशुपालकों को अपने पशुओं की विशेष देखभाल करनी चाहिए. तापमान बढ़ने से पशु के पाचन प्रणाली पर असर पड़ता है. जिससे दूध उत्पादन भी प्रभावित होता है. इस परेशानी से बचने को लेकर कोडरमा जिला पशुपालन पदाधिकारी ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की है.
लोकल 18 से विशेष बातचीत में जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. राम सरीख प्रसाद ने कहा कि गर्मी और धूप से बचने के लिए पशु को धूप के समय में खुले में न छोड़े. उन्हें हमेशा छायादार और हवादार स्थान पर रखें. पशुओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं. उन्हें हरा चारा खिलाएं. संभव हो तो पानी में गुड़ मिलाकर पशुओं को दे. इससे उनके शरीर का तापमान सामान्य रहेगा. इससे उनके दूध उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
पशु को दाना खिलाने से स्वस्थ रहेगा ठीक
उन्होंने बताया कि दुधारू पशुओं को पूरे साल हरा चारा, सूखा चारा के साथ उचित मात्रा में दान भी खिलाना चाहिए. जिसमें गेहूं, चने का छिलका, गेहूं का चोकर और गुड़ खिलाने से पशुओं का दूध उत्पादन ठीक रहता है और पशु स्वस्थ रहते हैं.
पशु को लू लगने के लक्षण
उन्होंने बताया कि पशुओं में लू लगने पर पशु चारा खाना कम कर देता है. दूध की उत्पादन में कमी हो जाती है. पशु के नाक से खून आने लगता है. पशु गहरी सांस लेता है. पशु की अत्यधिक लार बहती है. मुंह के आसपास झाग आ जाते हैं. पशु बेचैन दिखता है. दुधारू पशुओं के दूध में वसा और प्रोटीन की मात्रा कम हो जाती है. जिससे दूध की गुणवत्ता प्रभावित होती है. उन्होंने बताया कि पशुपालक किसी तरह की सहायता के लिए प्रखंड में स्थित पशु चिकित्सालय अथवा जिला पशुपालन विभाग से संपर्क कर बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 2, 2024, 13:08 IST