ईशा बिरोरिया/ ऋषिकेश. सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगाभ्यास है, जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है. यह प्राणायाम, आसन और मनोबल को संतुलित करने में सहायक है. सूर्य नमस्कार से हृदय को मजबूती मिलती है और यह श्वास मार्ग को सुधारता है. सूर्य नमस्कार करने से पेट की चर्बी कम होती है और पाचन सिस्टम मजबूत होता है. इसके अलावा, यह मानसिक स्थिति को सुधारकर ध्यान और शांति में मदद करता है.
Local 18 के साथ बातचीत में उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित साधक योगशाला के योगा ट्रेनर गोकुल बिष्ट बताते हैं कि योग की शुरुआत में करीब 15 मिनट के लिए सूर्य नमस्कार किया जाता है. इसे फुल बॉडी वर्कआउट भी कहा जाता है क्योंकि इसमें हड्डियों, मांसपेशियों, गर्दन, पेट, पीठ और लगभग सभी अंगों की कसरत हो जाती है. इससे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, और शारीरिक संतुलन बना रहता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. अगर आप हर दिन 15 मिनट सूर्य नमस्कार करते हैं, तो आपको किसी भी तरह की एक्सरसाइज या फिर योग की जरूरत नहीं पड़ेगी.
1. प्राणायाम
इसकी शुरुआत प्राणायाम से होती है. इसके लिए आपको सीधा खड़ा होना है और अपने पैरों को एक-दूसरे के करीब लाना है. जिसके बाद गहरी सांस लेते हुए छाती को फुला लें और अपने कंधों को एकदम रिलेक्स कीजिए.
2. हस्त उत्तानासन
हस्त उत्तानासन के लिए प्रार्थना के पोज में आ जाएं और अपने दोनों हाथों को जोड़ लें. उसके बाद गहरी सांस लेते हुए बाहों को ऊपर उठाइए और धीरे धीरे सांस छोड़ते रहें.
3. हस्त पादासन
हस्त पादासन के समय अपनी पीठ को सीधा रख लें और अपनी कमर को आगे की तरफ झुका लें. उसके बाद फर्श को छूने का प्रयास करें.
4. अश्वसंचालनासन
अब अपने दोनों घुटनों को हलका मोड़ लें ताकि आपके हाथ की हथेलियां पैरों के बगल जमीन पर टिक जाएं. उसके बाद गहरी सांस लेते हुए धीरे-धीरे एक घुटने को अपनी छाती के पास ले जाएं और अपने पैर को थोड़ा पीछे की ओर खींचे. फिर अपने सिर को उठाए और आगे की ओर देखते रहे.
5. चतुरंग दंडासन
गहरी सांस लेते हुए अपने एक पैर को वापस पीछे लाएं और दोनों हाथों को अपने कंधों के ठीक नीचे रख लें. इसमें आपका शरीर जमीन के समानांतर होना चाहिए.
6. अष्टांग नमस्कार
अब धीरे से अपने दोनों घुटनों को जमीन की ओर नीचे लाएं. फिर अपनी चिन को जमीन पर रखें और फिर कूल्हों को हवा में रखें. आपको आपके हाथ, घुटने, चिन और छाती को जमीन पर रखना है, वहीं आपके हिप्स हवा में होने चाहिए.
7. भुजंगासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल जमीन पर लेट जाएं. उसके बाद अपने पैरों को आपस में मिलाएं और हथेलियों को अपने सीने के पास कंधों की सीध में रख लें. साथ ही अपने माथे को जमीन पर रखते हुए अपने शरीर को सहज रखें. गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर के आगे के हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं और दोनों हाथों को एकदम सीधा रखें.
8. अधो मुख श्वानासन
भुजानासन में रहते हुए धीरे से सांस छोड़ें और अपने हिप्स उठाते हुए शरीर के साथ एक वी आकार बनाएं. फिर अपनी कोहनी और घुटनों को सीधा कर ले और नाभि की ओर देखें.
9. अश्व संचालनासन
अब अपने बाएं पैर को पीछे की ओर रखें और खुद आगे देखते हुए दूसरे पैर को आगे लाएं. कुछ समय तक इस पोज में रहें.
10. हस्त पादासन
सांस लेते हुए अपने एक पैर को आगे लाएं ताकि दोनों पैर बराबर में हो. अब सांस छोड़ते हुए धीरे से अपने शरीर को मोड़ लें.
11. हस्त उत्तानासन
अब सांस लेते हुए अपने ऊपरी शरीर को उठाएं और अपनी हथेलियों को मिलाएं फिर अपनी बाहों को सिर के ऊपर उठाएं. फिर पीछे की ओर झुकें.
12. प्रार्थना मुद्रा
अब सांस छोड़ें और सीधे खड़े हो जाएं. अब अपनी बाहों को नीचे की ओर करें और हथेलियों को छाती के सामने रखें. (ऊपर दिए वीडियो में आप इन 12 आसनों को करते हुए देख सकते हैं.)
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FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 16:32 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.