बाराबंकी. उत्तर प्रदेश आम की बागवानी के लिए मशहूर है लेकिन अब यहां के बागवानों ने लीची की बागवानी की शुरुआत कर दी है. लीची की बागवानी में किसानों को काफी अच्छा मुनाफा होता है. बाराबंकी जिले के जैदपुर के रहने वाले काजिम सज्जाद की किस्मत लीची की बागवानी से खुल गई है. उन्होंने 15 साल पहले बिहार से लीची के पौधे मंगवाए थे. अब करीब 5 बीघे में लीची की खेती कर रहे हैं. हर साल तीन से चार लाख रुपये मुनाफा कमा रहे हैं.
काजिम सज्जाद ने बताया कि उसके बाग में बिहार के साथ-साथ चाइनीज किस्म की लीची की बागवानी की जाती है. ढाई से 3 महीने की बागवानी में उन्हें तकरीबन 3 से 4 लाख के करीब मुनाफा होता है. इसमें ज्यादा मेहनत नहीं लगती है और आम की बागवानी के साथ-साथ लीची की बागवानी भी आसानी से हो जाती है. बाजारों में बिहार के साथ-साथ चाइनीज लीची की डिमांड काफी बढ़ गई है, इसीलिए किसान अब लीची की बागवानी करने में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
किसान काजिम सज्जाद ने बताया कि करीब 15 सालों से हम लीची की खेती कर रहे हैं. इसका पौधा हमने बिहार के मुजफ्फरपुर से मंगवाया था. इसको लगाने के बाद इसमें अच्छा प्रॉफिट दिखा. हमारे यहां की लीची का स्वाद लोगों को काफी पसंद आता है इसलिए बाराबंकी जिले के साथ-साथ आसपास जिले के व्यापारी भी यहां की लीची खरीदने आते हैं.’
चाइनीज लीची की डिमांड
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारे यहां दो प्रकार की लीची लगी है जो एक तो शाही लीची है दूसरी चाइनीज. इसमें खास बात यह है कि जो शाही लीची है, वह स्वाद में थोड़ी खट्टी होती है और यह देर से तैयार होती है. वहीं चाइनीज लीची मीठी ज्यादा होती है और जल्दी तैयार भी हो जाती है. इस समय जो लीची निकल रही है, अच्छे रेट में भी जा रही है.
उन्होंने बताया, ‘इस खेती में लागत की बात करें इसमें पानी थोड़ा ज्यादा लगता है और कीटनाशक दवाइयां का छिड़काव समय-समय पर करना पड़ता है, इसलिए इसमें खर्च करीब 80 से 90 हजार रुपये आ जाता है. मुनाफे की बात करें तो तीन से चार लाख रुपये की बचत आराम से हो जाती है.’
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FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 23:44 IST