विनीत कुमार/सोनीपत: अगर आप मीठा खाने के शौकीन हैं तो सोनीपत के प्यारे लाल की दुकान के दूध-पेड़े का नाम सुनकर आपके मुह में पानी आना लाजमी है. क्योंकि, प्यारेलाल के दूध-पेड़ों का स्वाद ही कुछ ऐसा है, जिसकी वजह से विदेशों में बैठे लोग भी प्यारे के पेड़ों को आर्डर करके मंगवा रहे है. दरअसल, प्यारेलाल पेड़े वाले की यह दुकान करीब 95 साल पुरानी है. जहां भारत के अलग-अलग कोनों से लोग आकर यहां के मशहूर दूध-पेड़े खाने आते है. इसके साथ ही विदेशों में भी इन पेड़ों की डिमांड बढ़ रही है. आइये जानते हैं कि आखिर प्यारेलाल का दूध-पेडा इतना मशहूर क्यों है.
दुकान के मालिक सागर वालियां ने कहा कि उनकी यह दुकान आज सोनीपत, हरियाणा के साथ-साथ देश विदेश में भी प्रसिद्ध है. उनकी दुकान का दूध-पेड़ा खाने के लिए हजारों लोग रोजाना उनकी दुकान पर पहुंचते हैं. वहीं इस पेड़ों की विदेशों में डिमांड होने के कारण वो इन पेडों को विदेशों में भी पार्सल के माध्यम से भेजते हैं.
1930 में ऐसे हुई थी पेड़े बनाने की शुरुआत
मालिक सागर ने बताया कि सोनीपत में प्यारेलाल पेड़े वाले की दुकान की शुरुआत वर्ष 1930 में स्वर्गीय प्यारे लाल के द्वारा की गयी थी. उन्होंने बताया कि प्यारेलाल वर्ष 1930 में एक कड़ाही में दूध उबालकर मेवा बना रहे थे, जिसके बाद उन्होंने उसमें कुछ मीठा मिलाकर रख दिया. वहीं लोगों द्वारा जब उसको खाया गया, तो उन्हें स्वाद आने लगा और बस वहीं से इस मशहूर पेड़े की बिक्री शुरू हो गयी. जैसे-जैसे समय बीतता गया पेड़ो की बिक्री में वृद्धि होती गयी. करीब 95 साल पुरानी इस मशहूर दूकान पर बदलते समय के साथ नये बदलाव भी देखने को मिले है. वहीं प्यारेलाल के पेड़ो के साथ लोग कढाई वाले दूध व कुल्हड़ वाली लस्सी का भी स्वाद ले रहे हैं. प्यारेलाल द्वारा सन 1930 में इस दुकान की शुरुआत की गयी थी. वहीं उनकी म्रत्यु के बाद उनके बेटे सत्यप्रकाश ने इस दुकान का कामकाज संभाला .उनके बाद अब उनके दो पोते यानि उनकी तीसरी पीढ़ी इस दुकान को चला रही है.
एक पेडा आज कीमत है 50 रुपये
दूध-पेडा खाने दूकान पर आये लोग बताते है कि वो वर्षो से प्यारेलाल का पेडा खाने सोनीपत दूकान पर आते है और 1997 में उनको याद है जिस समय प्यारे का एक पेडा केवल सात रुपये में मिलता था और आज इसी पेड़े की कीमत 50 रुपये है लेकिन लोग वर्षो से लगातार प्यारेलाल का पेडा खाने दूकान पर ही आते है
95 साल बाद भी नही बदला पेड़े का स्वाद
दूकान पर आने वाले लोग बताते है कि वो भी प्यारेलाल की दूकान पर पेड़ा खाने वर्षो से यहाँ आते है लेकिन आज करीब 95 साल बाद भी प्यारे के पेड़ें का स्वाद नहीं बदला जैसा स्वाद वर्षो पहले था ठीक वैसा ही स्वाद उनको आज भी मिल रहा है
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FIRST PUBLISHED : March 9, 2024, 11:14 IST