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मुंबई18 घंटे पहले
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शेयर मार्केट रेगुलेटर ‘सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया’ (SEBI) ने 28 मार्च से ऑप्शनल बेसिस पर T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन लागू करने को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को बोर्ड की मीटिंग के बाद SEBI ने कहा कि बोर्ड ने 25 शेयरों के सीमित सेट के लिए और ब्रोकर्स के एक सीमित सेट साथ T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन को लॉन्च करने की मंजूरी दी है।
सेबी ने बताया कि पहले 3 और 6 महीने की प्रोग्रेस देखी जाएगी जिसके बाद T+0 सेटलमेंट सिस्टम को लेकर आगे फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही सेबी ने ट्रेड करने में आसानी लाने के लिए फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) के लिए कई छूटों को भी मंजूरी दी है।
मार्केट रेगुलेटर ने बयान जारी करते हुए कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत जिस FPI का 50% से अधिक इंडियन इन्वेस्टमेंट किसी एक कॉर्पोरेट में है, उनके लिए एडिशनल डिस्क्लोजर में छूट दी गई है।
IPO लाने के नियम में भी कई बदलाव को मंजूरी
सेबी ने IPO लाने से जुड़े नियमों में कई बदलावों को भी मंजूरी दी है। IPO के इश्यू साइज का 1% सिक्योरिटी डिपॉजिट रखने की शर्त हटा दी गई है। इसके साथ ही मिनिमम प्रमोटर कॉन्ट्रिब्यूशन तय करने के नियम में भी छूट दी गई है, जिसमें बिना प्रमोटर टैग के प्रमोटर कॉन्ट्रिब्यूशन का मौका मिलेगा। इश्यू साइज घटने या बढ़ने पर DRHP री-फाइलिंग में भी छूट की मंजूरी दी गई है।
अभी T+1 सेटलमेंट साइकल पर काम करता है भारतीय शेयर मार्केट
वर्तमान में भारतीय शेयर मार्केट सभी शेयरों के लिए T+1 सेटलमेंट साइकल पर काम करता है। T+0 का मतलब शेयर की खरीदारी और बिक्री का सेटलमेंट एक ही दिन में होगा। तीन महीने पहले मार्केट रेगुलेटर ने इसके लिए कंसल्टेशन पेपर इश्यू किए थे और 12 जनवरी तक इसपर लोगों से राय मांगी थी।
दो फेज में लागू होगा T+0 सेटलमेंट
SEBI ने T+0 सेटलमेंट को दो फेज में लागू करने का प्रस्ताव दिया था। T+0 सेटलमेंट के पहले फेज में सेम-डे सेटलमेंट लागू किया जाएगा, जिसके बाद खरीदार को उसी दिन शेयर अलॉटमेंट और बेचने वालों को उसी दिन फंड मिल जाएगा।
इसमें अगर आप ट्रेडिंग-डे पर 1:30 बजे तक शेयरों का कारोबार करेंगे तो शाम 4:30 बजे तक उनका सेटलमेंट हो जाएगा। वहीं, दूसरे फेज में 3:30 बजे तक किए गए सभी लेनदेन के लिए एक ऑप्शनल इमीडिएट ट्रेड-बाय-ट्रेड सेटलमेंट की सुविधा दी जाएगी।
अक्टूबर 2024 तक शुरू होगा इंस्टेंट सेटलमेंट
इससे पहले SEBI चीफ माधुरी पुरी बुच ने कहा था कि हम अगले साल मार्च (2024) तक ट्रेड सेटलमेंट के समय को कम करके 1 घंटे करने और फिर अक्टूबर 2024 तक तुरंत ट्रेड सेटलमेंट लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या है T+1, T+2 और T+3 सेटलमेंट
सेटलमेंट सिस्टम का मतलब बायर्स के अकाउंट में शेयर्स का ट्रांसफर और सेलर अकाउंट में बेचे गए शेयरों का अमाउंट ट्रांसफर से है। भारतीय स्टॉक एक्सचेंज वर्तमान में T+1 को फॉलो करते हैं। इसका मतलब है कि ऑर्डर के एग्जीक्यूट होने के 24 घंटे में फंड और सिक्योरिटी आपके अकाउंट में आते हैं।
मान लीजिए कि आपने बुधवार को शेयर बेचे है। T+1 के अनुसार 1 बिजनेस-डे में इन शेयरों के पैसे आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएंगे। वहीं आपने शेयर खरीदे हैं तो ये शेयर 1 दिन में आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे। यहीं नियम T+2 और T+3 सेटलमेंट में भी लागू होता है।