मुंबई59 मिनट पहले
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टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रतन टाटा को सोमवार को प्रतिष्ठित KISS ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड-2021 से सम्मानित किया गया। उन्हें यह अवॉर्ड सोशल डेवलपमेंट और कॉर्पोरेट लीडरशिप के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए दिया गया है।
सोमवार को रतन टाटा के घर पर सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जहां KIIT-KISS के फाउंडर और कंधमाल लोकसभा सांसद प्रो. अच्युत सामंत ने उन्हें यह अवॉर्ड सौंपा।
2021 में की थी अवॉर्ड की घोषणा
इस पुरस्कार की घोषणा 2021 में की गई थी, लेकिन तब COVID महामारी के कारण यह पुरस्कार रतन टाटा प्राप्त करने में असमर्थ थे। अवॉर्ड मिलने के बाद कहा, ‘मैं यह सम्मान पाकर बेहद खुश हूं। यह मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण है।’
डॉ. सामंत ने कहा, ‘रतन टाटा को आज इस पुरस्कार से सम्मानित करना सौभाग्य की बात है। रतन टाटा के सोशल वर्क और लीडरशिप ने मुझे बचपन से ही प्रभावित किया है। मेरे पिता टाटा कंपनी के कर्मचारी थे। तब से मैं उनका सम्मान करता हूं।
ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड KIIT और KISS का सर्वोच्च सम्मान है। जो दुनियाभर में मानवीय कार्य करने वाले व्यक्तियों और ऑर्गेनाइजेशन को मान्यता देने के लिए डेडीकेटेड है। इसकी शुरुआत 2008 में डॉ. अच्युत सामंता ने की थी।
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से हो चुके सम्मानित
अपने करियर के दौरान उन्हें कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें भारत के दो सबसे बढ़े नागरिक पुरस्कारों 2008 में पद्म विभूषण और 2000 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है।
हाल ही में रतन टाटा को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के पहले ‘उद्योग रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया थे। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के हाईएस्ट सिविल ऑनर ‘ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
रतन टाटा को 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल।
रतन टाटा को ऑस्ट्रेलिया के हाईएस्ट सिविल ऑनर ‘ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
रतन टाटा को महाराष्ट्र का पहला उद्योग रत्न अवॉर्ड सौंपते हुए सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस।
रतन टाटा ने विरासत को नए मुकाम पर पहुंचाया
85 साल के रतन टाटा ने उन्हें सौंपी गई विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। उन्होंने एअर इंडिया एयरलाइंस जो 1950 के दशक में टाटा के एंपायर से सरकार के पास जा चुकी थी, उसे वापस अपने एंपायर में शामिल किया है। रतन टाटा की लीडरशिप में TCS पब्लिकली ट्रेड कंपनी बनी और टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किया गया।
रतन टाटा के 5 बिजनेस लेसन
1. रिस्क टेकर
- लक्जरी कार कंपनी जगुआर लैंड रोवर जैसे नए बिजनेस में निवेश करने का जोखिम रतन टाटा ने उठाया। यूरोप की दूसरी बड़ी स्टील कंपनी कोरस का भी अधिग्रहण किया। इस निवेश ने टाटा ग्रुप को सफलता के नए मुकाम पर पहुंचाया।
- टाटा ने साल 2000 में दुनिया के दूसरे सबसे बड़ी चाय मैन्युफैक्चरर टेटली का अधिग्रहण किया गया था। तब यह कंपनी टाटा टी से तीन गुना बड़ी थी। अधिग्रहण के बाद ये दुनिया की सबसे बड़ी चाय कंपनियों में से एक बन गई।
2. डिसीजन मेकर
- 1990 के दशक में रतन ने पैसेंजर कार बनाने के अपने फैसले की घोषणा की तो इसकी काफी आलोचना हुई थी। अगले कुछ सालों में उन्होंने अकेले ही कंपनी का आधुनिकीकरण किया। आज टाटा देश की सफलतम कार कंपनियों में शामिल है।
- 2007 में टाटा ने यूरोप की स्टील कंपनी कोरस के अधिग्रहण का फैसला लिया। उनकी टीम को बोली जमा करने में एक साल लग गया। तब तक कीमत बढ़ चुकी थी, लेकिन वह फिर भी इसके साथ आगे बढ़े। इसका कंपनी को फायदा मिला।
3. आइडिएटर
- एक लाख रुपए में कार लॉन्च करने का आइडिया रतन टाटा का ही था। 2009 में उन्होंने टाटा नैनो लॉन्च की थी। बिक्री के मोर्चे पर फेल होने के बाद 2019 में भले ही इसे बंद कर दिया गया हो, लेकिन टाटा के इस आइडिया की खूब तारीफ हुई थी।
- 1998 में लॉन्च हुई टाटा इंडिका भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित कार थी। इसे बनाने का आइडिया रतना टाटा का ही था। इसके अलावा टाटा सफारी, भारत की पहली एसयूवी है जिसे टेल्को (अब, टाटा मोटर्स) ने लॉन्च किया था।
4. लीडर
- रतन टाटा एक बड़े टीम लीडर हैं क्योंकि वह लोगों को प्रेरित करते हैं। उनका कंपनी के लिए बिल्कुल साफ विजन है। ये कर्मचारियों को इस विजन के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है।
- कर्मचारियों के बुरे समय में हमेशा उनके साथ रहना उन्हें एक बड़ा लीडर बनाता है। रतन टाटा एक बार पिछले दो साल से अस्वस्थ एक पूर्व कर्मचारी से मिलने के लिए मुंबई से पुणे में फ्रेंड्स सोसाइटी पहुंच गए थे।
5. इनोवेटर
- रतन टाटा के पास जब टाटा ग्रुप की पूरी जिम्मेदारी थी तब उन्होंने इंडिका से लेकर नैनो जैसी कार भारत को दी। रतन टाटा कहते हैं किसी भी स्टार्टअप का फ्यूचर तभी अच्छा हो सकता है जब उसमें नए इनोवेशन किए गए हो।
- नए प्रयोग होने से स्टार्टअप की सफलता की गारंटी बढ़ जाती है। रतन टाटा ने उन स्टार्टअप में निवेश किया जिसमें ज्यादा से ज्यादा इनोवेशन किया गया है। ओला इलेक्ट्रिक, लेंस कार्ट, पेटीएम जैसी कंपनियों में उनका निवेश है।