राहत बचाव कार्य में लगी टीम।
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पंजाब के रोपड़ शहर की प्रीत कॉलोनी में एक मकान का लेंटर गिरने से पांच मजदूर मलबे में दब गए। हादसा दोपहर तीन बजे हुआ। मकान को ऊंचा उठाने के लिए जैक का इस्तेमाल किया जा रहा था तो अचानक दो मंजिला मकान गिर गया।
इस दौरान धमाके की आवाज सुनकर लोग इकट्ठा हो गए। देर शाम सात बजे पांच घंटों की मशक्कत के बाद दो मजदूर को जिंदा बाहर निकाला जा सका था। उन्हें सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। वहीं एक मजदूर मलबे में मृत हालत में मिला। मलबे से बाहर निकाले दो मजदूरों में से पीजीआई रेफर किये गए एक मजदूर की भी मौत हो गई। यानी दो की मौत हो चुकी है। राहत बचाव कार्य देर रात तक जारी है।
अन्य मजदूरों की पहचान रमेश फोरमैन, काका, साहिल, अभिषेक, निजामिन के रूप में हुई है और सभी मजदूर गांव कलसी हरियाणा के रहने वाले हैं। घटना की सूचना मिलते ही प्रकाशन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहीं डीसी प्रीति यादव, एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना, डॉ. मनू विज, एसडीएम व नगर कौंसिल अधिकारी और फायर बिग्रेड अधिकारी ने भी घटनास्थल का मुआयना किया।
मौके पर आईटीबीपी पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, फायर बिग्रेड की टीम को राहत कार्य के लिए बुलाया गया। डीसी प्रीति यादव ने कहा कि सबसे पहले बचाव कार्य किए जाने जरूरी है। बाद में घटना की जांच की जाएगी ओर देखा जाएगा कि कहा पर लापरवाही हुई है। मकान जैक के जरिये उठाने के नियमों को भी देखा जाएगा।
घटना से दो सेकेंड पहले ही मजदूर अली राम पानी पीने के लिए बाहर निकला था कि पीछे से मकान गिर गया और वह बच गया। अली राम ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ एक अप्रैल से काम पर लगे हुए हैं। रोजाना की तरह वह अपना काम काम कर रहे थे और वह ईंट पकड़ा रहे थे। उन्होंने बताया कि तीन बजे के करीब साथी रमेश, काका, साहिल, अभिषेक व जिमामिन मकान में काम कर रहे थे। अचानक मकान गिरने के बाद अंधेरा छा गया।
1984 में बना था मकान
मजदूर ने बताया कि तीन फीट के करीब मकान ऊपर उठा लिया गया था। ईंट लगाकर दीवार का काम किया जा रहा था। यह मकान 1984 में बनाया था। साथ में ही नया मकान बनाने के बाद मालिक उसमें रहने लगे थे। जो पुराना मकान था उसको रिपेयर करवाने के लिए लेंटर ऊपर उठाने का काम करवा रहे थे। इस इलाके में सड़कें ऊंची और मकान नीचे होने के कारण पानी घरों के अंदर घुसता था। इसी कारण मकान ऊंचा करने के लिए जैक से लेंटर उठाया जा रहा था।