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Pitru Paksha will start from 17th September 10 lakh devotees will come from India and abroad

गया. इस वर्ष पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से होने जा रही है और यह 2 अक्टूबर तक चलेगी. मोक्ष नगरी बिहार के गया में पितृपक्ष को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. बता दें कि गयाजी दुनिया में एकमात्र ऐसी जगह है, जहां पितरों की मोक्ष की कामना को लेकर यहां पूर्वजों का पिंडदान किया जाता है. यहां देश-विदेश के लोग आते हैं और अपने पितरों का पिंडदान करते हैं. पितृपक्ष के दौरान यहां तकरीबन 10 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं. यहां 8 सरोवर एवं 52 पिंड वेदियां हैं, जहां तर्पण कार्यक्रम होता है. एक दौर था जब यहां 350 से अधिक पिंड वेदी हुआ करता था.

गया में पिंडदान करने से सात पीढ़ियों का होता है उद्धार

वैसे तो पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म के लिए भारत में कई जगह हैं, लेकिन फल्गु नदी के तट पर स्थित गया शहर का अपना विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गया में पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए इस स्थान को मोक्ष स्थली कहा जाता है. पुराणों में बताया गया है कि प्राचीन शहर गया में भगवान विष्णु स्वयं पितृदेव के रूप में निवास करते हैं.

20 कोषांग का हुआ है गठन

ऐसा माना जाता है कि गया जी की धरती पर प्रभु श्री राम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ अपने पिता राजा दशरथ का पिंडदान किए थे. गयासुर के विशुद्ध शरीर में ब्रह्मा, जनार्दन, शिव तथा प्रपितामह निवास करते हैं. इसलिए पिंडदान व श्राद्ध कर्म के लिए इस स्थान को उत्तम माना गया है. पितृपक्ष की तैयारी को लेकर गया के डीएम डाॅ. त्यागराजन एसएम बताते हैं कि इस वर्ष भी पितृपक्ष में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई है. पितृपक्ष के दौरान श्रद्धालुओं के सुविधा को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा 20 कोषांग का गठन किया गया है.

यात्रियाें के ठहरने के लिए टेंट सिटी का होगा निर्माण

यात्रियों के ठहरने के लिए सरकार के स्तर से टेंट सिटी का निर्माण किया जाएगा. पिछले वर्ष 2500 यात्रियों का ठहरने के लिए टेंट सिटी का निर्माण किया गया था. इसके अलावा पूरे शहर एवं पिंड स्थल और तालाबों की साफ-सफाई, यात्रियों के लिए पीने के लिए पानी की व्यवस्था, शौचालय और स्नान घर बनाए जाएंगे. बिजली की व्यवस्था भी सुदृढ़ किए जा रहे हैं. स्वास्थ सेवा भी बेहतर तरीके से सभी जगह काम करेगी और जगह जगह कैंप लगाया जाएगा.

10 लाख से अधिक पहुंचते हैं श्रद्धालु

पितृपक्ष 2024 को लेकर गया पाल पंडा मणिलाल बारीक बताते हैं कि पितृपक्ष में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु गया जी पहुंचते हैं. जिसमें 2 लाख से अधिक ऐसे श्रद्धालु होते हैं जो 17 दिवसीय पिंडदान करते हैं. ऐसे श्रद्धालु किसी होटल या पंडा के आवास में रहते हैं, लेकिन अन्य श्रद्धालु जो एक दिवसीय या तीन दिवसीय पिंडदान करने के लिए आते हैं उन्हें आवासन में काफी परेशानी होती है. ऐसे में सरकार टेंट सिटी में यात्रियों के ठहरने की संख्या को बढ़ा दें, ताकि उन्हें ठहरने मे परेशानी न हो.

Tags: Bihar News, Gaya news, Local18, Pitru Paksha

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