पंकज सिंगटा/शिमलाः शिमला के लोग आवारा कुत्तों से परेशान हैं. यहां आए दिन लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शिमला में हर महीने कुत्तों के काटने के 8 से 10 मामले सामने आते हैं. शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को उठानी पड़ती है.
नगर निगम शिमला अब इन आवारा कुत्तों की गिनती करने जा रहा है. निगम प्रशासन द्वारा यह प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. स्टाफ की कमी के कारण निगम द्वारा यह कार्य बाहरी एजेंसी से करवा रही है. जो जून माह में शुरू होगा. नगर निगम अब लोगों को आवारा कुत्तों से निजात दिलवाएगा. नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि शहर में कुत्तों का आतंक कम हो सके. इसके लिए कुत्तों को पकड़ कर नसबंदी की जा रही है. जून माह के दूसरे सप्ताह से शहर में वार्डों के अनुसार आवारा कुत्तों की गिनती शुरू की जानी है. इन कुत्तों की गिनती के साथ ही उनकी नसबंदी भी की जाएगी.
नसबंदी के बाद कुत्तों पर लगेगी चिप
आवारा कुत्तों को पकड़ने के बाद उनकी नसबंदी की जाएगी और उन पर एक चिप लगाई जाएगी. इस चिप से कुत्तों की नसबंदी के बारे में जानकारी मिलेगी, तो वहीं समय समय पर उनकी स्वास्थ्य रिपोर्ट की भी जानकारी मिल पाएगी. इसके अलावा पालतू कुत्तों के लिए भी रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है.
बजट में कुत्तों की गिनती की घोषणा
नगर निगम आगामी दिनों में वार्ड स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करने जा रहा है. वहीं निगम द्वारा आवारा कुत्तों की गिनती की घोषणा बजट में की गई थी. शहर में बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या को रोकने के लिए निगम द्वारा इस वर्ष 100 प्रतिशत नसबंदी का लक्ष्य भी रखा गया है. निगम द्वारा जहां कुत्तों को पकड़ा जा रहा है तो वहीं उनकी नसबंदी भी करवाई जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : April 24, 2024, 12:56 IST