नई दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सरकार की उपब्धियों पर विस्तार से बात रखी. राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में युवाओं और पूर्वोत्तर का जिक्र किया. दूसरी तरफ, विपक्षी दलों के सदस्यों ने NEET परीक्षा में हुई कथित धांधली और मणिपुर जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर पलटवार किया. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में आपातकाल का भी जिक्र किया. इस पर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी. अब बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में चर्चा की अवधि तय कर दी गई है. संसद के निचले सदन में 21 घंटे तक चर्चा होगी. BJP को 8 घंटे का समय अलॉट किया गया है. बीजेपी के तरफ से लोकसभा में अनुराग ठाकुर डिबेट की शुरुआत करेंगे.
लोकसभा चुनाव-2024 में बीजेपी के 240 सदस्य चुनकर निचले सदन में पहुंचे हैं. वहीं, कांग्रेस के 99 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है. बीजेपी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलने के लिए 8 घंटे का वक्त दिया गया है. आठ घंटे का मतलब 480 मिनट. सदस्य संख्या के लिहाज से देखें तो भाजपा के एक लोकसभा सदस्य को बोलने के लिए 2 मिनट का समय मिलेगा. यदि इस फॉर्मूले को कांग्रेस पर लागू किया जाए तो 99 सदस्य और 2 मिनट के समय के लिए लिहाज से कुल 198 मिनट यानी 3 घंटे 18 मिनट. तो इस तरह कांग्रेस राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कुल 3 घंटे 18 मिनट तक का वक्त मिलेगा.
करीब 55 मिनट चला राष्ट्रपति का अभिभाषण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के करीब 55 मिनट के अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने करीब 180 बार मेजें थपथपाईं तो विपक्षी सदस्यों ने भी पलटवार का कोई मौका नहीं गंवाया. दोनों ने नारों के माध्यम से एक-दूसरे पर तंज भी कसे. इस दौरान ‘यूपी के दो लड़कों’ (राहुल गांधी और अखिलेश यादव) के बीच अच्छा तालमेल भी देखने को मिला. 18वीं लोकसभा में पहली बार हुई दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने तकरीबन 180 बार मेजें थपथपाईं और कई बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद इसका नेतृत्व किया.
आपातकाल का उल्लेख
सत्ता पक्ष की ओर से सबसे अधिक समय तक मेजें उस वक्त थपथपाई गईं जब राष्ट्रपति ने 1975 के आपातकाल का उल्लेख किया. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस दौरान ‘शेम, शेम’ के नारे लगाए. उस वक्त विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर शांति से बैठे हुए थे. हालांकि, कुछ सदस्य इस दौरान आज तो अघोषित आपातकाल है कहते सुने गए. राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने अभिभाषण में 1975 में लागू आपातकाल का उल्लेख किया और इसे ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा एवं काला अध्याय’ करार देते हुए कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई.
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 18:13 IST