रिपोर्ट- मनीष पुरी
भरतपुर. मौसम में बदलाव ने जीना दूभर कर दिया है. लोग समझ नहीं पा रहे करें तो क्या करें. दिन में तेज धूप और रात में सर्दी बीच में बारिश. लोग कह रहे हैं उफ ये मौसम है या आफत. मौसम का ये बदलाव जिसे देखो उसे सर्दी खांसी बुखार कर रहा है. अस्पतालों और डॉक्टरों के क्लीनिक पर मरीजों की कतार लगी हुई है.
मौसम का ये हाल लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है. दिन में तेज धूप और सुबह शाम की ठंड से खांसी,जुकाम, बुखार वायरल फीवर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. घर-घर वायरल फीवर के मरीज बढ़ रहे हैं. पिछले एक पखवाड़े के दौरान अस्पतालों के आउटडोर में मरीजों की संख्या करीब 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है.
मरीजों की लाइन बढ़ी
बयाना सीएचसी की ओपीडी में रोज पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 500 से बढ़कर 800 तक पहुंच गई है. इनमें अधिकतर मरीज मौसमी बीमारियों से पीड़ित होते हैं. सीनियर फिजिशियन डॉ जोगेंद्र सिंह गुर्जर से बात करने पर उन्होंने बताया आमतौर पर सर्दी से गर्मी या गर्मी से सर्दी का सीजन आने या खत्म होने पर वायरल प्रभावी होता है. इसमें एक या दो तरह के वायरस ही प्रभावी होते हैं.
विशेषज्ञ कह रहे हैं पहले अधिकतर मामले H 3, N-1, N-2, अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन यूआरआई के होते थे. लेकिन इस बार मौसमी वायरल के वायरस में यूआरएल के साथ एच 3 एन वन और 2, एडिनोवायरस, पैरा इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण भी आ रहे हैं. इसके अलावा गले में खराश और कोविड के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं.
तेजी से फैल रहा है संक्रमण
फिजिशियन डॉ जोगिंदर सिंह गुर्जर ने बताया कि मौसमी वायरल में बुखार, जुकाम, गले में खराश के बाद तेज खांसी हो रही है. ये खांसी 7 से 15 दिनों में ठीक हो रही है, कई मरीजों को खांसी के दौरान उल्टियां भी हो रही हैं. इन दिनों अस्पताल की ओपीडी में बुखार, गले में खराश की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं. इन मरीजों में बुखार व जुकाम तो 6 से 7 दिन में ठीक हो जाता है, उसके बाद सुखी-खांसी चलनी शुरू हो जाती है.
इस प्रकार करें बचाव
डॉ जोगेंद्र सिंह गुर्जर बताते हैं कि इस वायरल से बचने के लिए नियमित रूप से सुबह शाम गर्म पानी पिए और समय-समय पर नियमित रूप से अपना चेकअप कराया और शरीर में कोई भी प्रॉब्लम होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
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FIRST PUBLISHED : March 9, 2024, 18:21 IST