शैलेंद्र सिंह चौहान
भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस अपने दल बदलू विधायकों के खिलाफ कड़े तेवर रखेगी. पार्टी लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले विधायक रामनिवास रावत और निर्मला सप्रे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेगी. उनकी सदस्यता रद्द करने का मुद्दा सदन में गरमाएगा. इन दोनों विधायकों ने भाजपा में शामिल होने के बाद भी अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है. इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि विधायक अगर पार्टी छोड़ गए तो उनका सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए. वही बीजेपी का कहना है कि यह विधानसभा स्पीकर का अपना अधिकार है. वैसे भी इन नेताओं का भाजपा में आने की लोकसभा के रिजल्ट देकर जनता ने में मुहर लगा दी है.
एक जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सरकार जहां बजट बनाने की तैयारी में जुटी हुई है, वहीं कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए मुद्दे तलाश रही है. कांग्रेस सत्र के दौरान सरकार को घेरने के लिए सरकार और उसके मंत्रियों की कमियां और कमजोरियां पता कर रही है. यानी घेराबंदी की पार्टी की रणनीति भी इस बार अलग तरह की है. हर विभाग की कमियां, कमजोरियां और गड़बडिय़ों के माध्यम से मंत्रियों को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी कांग्रेस कर रही है.
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
नर्सिंग घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार को जबरदस्त तरीके से घेरने की तैयारी में है. लोकसभा चुनाव के बाद पहला सत्र होगा. इसमें सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करेगी. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि इस मामले में विधानसभा स्पीकर को अधिकार है. जनता ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए रिजल्ट देकर दोनों नेताओं के फैसले पर मोहर लगा दी है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि दोनों विधायकों को खुद ही इस्तीफा देना चाहिए. कांग्रेस सदन में इनकी बर्खास्तगी की मांग उठाएगी.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 18:32 IST