Loksabha Election 2024: अमरोहा में किसका चलेगा सिक्का, मुकाबला जबर्दस्त, पिछली बार दाशिन अली की लगी थी लॉटरी!

आम और ढोलक के लिए मशहूर अमरोहा कभी किसी भी दल का गढ़ नहीं रहा है. वैसे तो इस शहर को कमाल अमरोही और जॉन एलिया जैसे दिग्गज साहित्यकारों की धरती भी कहा जाता है. 1957 से लेकर अब तक के लोकसभा चुनाव में यहां नतीजे चौंकाने वाले ही रहे हैं. इस लोकसभा सीट पर करीब 17 चुनाव हो चुके हैं. हर बार मतदाताओं ने चौंकाने वाले परिणाम ही दिए हैं. 2024 में फिर लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है. इसको लेकर सभी दलों ने मतदाताओं के बीच जाना शुरू कर दिया है. इस बार यहां की जनता किसे चुनकर लोकसभा भेजती है ये तो चुनाव बाद ही पता चलेगा. 2014 के चुनाव की बात करें तो यहां भाजपा ने चौंकाने वाले परिणाम दिए थे, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में ये सीट बसपा के कब्जे में चली गई. इस सीट पर मुस्लिमों के अलावा जाटों का भी वर्चस्व है.

अमरोहा का सियासी समीकरण
2019 के आंकड़ों पर गौर करें तो अमरोहा लोकसभा क्षेत्र में करीब 16 लाख वोटर हैं, इनमें से 8,29,446 वोटर पुरुष और 7,14,796 महिला वोटर्स हैं. वर्ष 2014 में यहां करीब 71 फीसदी मतदान हुआ था. उस वक्त राज्य में बसपा और सपा ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. यहां से बसपा के दानिश अली मैदान में थे और उन्हें 6,01,082 वोट मिले. उन्होंने भाजपा के कुंवर सिंह तंवर को 43 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया. मगर, इस बार बसपा-सपा का गठबंधन नहीं है और न ही दानिश अली बसपा में हैं. ऐसे में यहां चुनावी समर अलग हो सकता है. बसपा ने 2024 के लिए डॉक्टर मुजाहिद हुसैन को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है.

दलित, सैनी और जाट वोटर्स का दबदबा
इस सीट पर दलित, सैनी और जाट वोटर अधिक हैं. इसके अलावा मुस्लिम वोटों की संख्या भी 20 प्रतिशत से ऊपर है. गंगा की गोद में बसे इस जिले में पांच विधानसभा हैं, इनमें धनौरा, नौगावां सादात, अमरोहा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा सीट शामिल है. गन्ने के अलावा अमरोहा में कपास का भी बड़े स्तर पर उत्पादन होता है.

2014 लोकसभा का परिणाम
2014 में मोदी लहर के चलते इस सीट पर भाजपा के कंवर सिंह तंवर ने चुनाव जीता था. उन्होंने सपा के हुमैरा अख्तर को एक लाख वोटों से हराया था. तीसरे नंबर पर यहां बसपा थी. कंवर सिंह को 48.3 प्रतिशत और हुमैरा अख्तर को 33.8 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे.

अमरोहा में कब-कब हुए चुनाव
अमरोहा लोकसभा सीट 1952 में पहली बार अस्तित्व में आई और इसी साल यहां लोकसभा चुनाव हुए. 1952 से लेकर 1971 तक ये सीट तीन बार कांग्रेस और दो बार सीपीआई ने जीती. इसके बाद देश में इमरजेंसी लगा दी गई. 1977 और 1980 में ये सीट कांग्रेस के हाथ से खिसक गई और जनता पार्टी की झोली में चली गई. 1984 में फिर कांग्रेस लौटी. 1989 में जनता दल के खाते में चली गई. 1991 में हुए चुनाव के दौरान यहां भाजपा ने कब्जा जमा लिया और 1998 तक ये सीट भाजपा के पास रही.

1998 में भाजपा के चेतन सिंह चौहान सांसद बने थे जोकि पूर्व क्रिकेटर भी थे. इससे पहले 1996 में एक चुनाव हुआ था उस दौरान ये सीट सपा के पास चली गई. 1999 में हुए चुनाव में बसपा के राशिद अल्वी ने बाजी मार ली. इस अमरोहा लोकसभा से निर्दलीय हरीश नागपाल भी संसद में पहुंचे. 2004 में फिर चुनाव हुए तो रालोद के देवेंद्र नागपाल चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. 2014 में तो मोदी लहर के चलते इस पर भाजपा ने कब्जा जमाया. 2019 के चुनाव में ये सीट बसपा के खाते में गई.

विधानसभा 2022 का परिणाम
धनौरा विधानसभा सीट वर्तमान में भाजपा के कब्जे में है. यहां राजीव कुमार विधायक हैं. इन्होंने सपा के विवेक सिंह को चुनाव में हराया था. नौगवां सादात विधानसभा सीट पर वर्तमान में सपा के समरपाल सिंह विधायक हैं. इन्होंने 2022 के चुनाव में भाजपा के देवेंद्र नागपाल को हराया था. अमरोहा विधानसभा की बात करें तो वर्तमान में इस सीट से सपा के महबूब अली विधायक हैं. इन्होंने भाजपा के राम सिंह सैनी को हराया था. हसनपुर विधानसभा सीट से वर्तमान में भाजपा के महेंद्र सिंह विधायक हैं. गढ़मुक्तेश्वर विधानसभा से वर्तमान में भाजपा के हरेंद्र चौधरी विधायक हैं. इन्होंने सपा के रविंद्र चौधरी को हराया था.

Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha Elections

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