Punjab politics
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
कहते हैं राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। सब कुर्सी का खेल है, लेकिन अमूमन कुछ ऐसे रिश्ते देखने को भी मिल जाते हैं, जिसमें आत्मिक और खून के रिश्ते की बयानगी नजर आती है। पंजाब में लोकसभा चुनाव को लेकर गर्माहट बढ़ती जा रही है। इन सबके बीच रिश्ते में कड़वाहट भी पैदा हो रही है। इनमें पिता पुत्र तो कहीं भाई-भाई में राजनीतिक प्रतिद्द्वंद्विता शुरू हो गई है।
आप विधायक कंबोज के पिता को बसपा की टिकट
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा फिरोजपुर लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई है। पार्टी ने जलालाबाद से आप के विधायक जगदीप सिंह गोल्डी कंबोज के पिता सुरिंदर कंबोज (68) को उम्मीदवार बनाया है।सुरिंदर कंबोज पर धोखाधड़ी और जबरन वसूली के कई मामले दर्ज है। उन पर वर्ष 2007 में चंडीगढ़ पुलिस ने कथित देह व्यापार रैकेट और ‘वाहनचोरी’ का मामला दर्ज किया था।
इसके साथ ही गत वर्ष उन्हें एक मामले में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद वह जमानत पर बाहर आए थे। आप विधायक गोल्डी कंबोज का कहना है कि उनका अपने पिता से कोई संबंध नहीं है इस लिए वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। गोल्डी को अब अपने पिता के खिलाफ प्रचार की कमान संभालनी होगी। इससे राजनीतिक समीकरण भी काफी दिलचस्प हो गए हैं। नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ समीकरणों पर।
प्रताप बाजवा कांग्रेस विधायक दल के नेता, भाई भाजपा के अग्रणी नेता
पंजाब के कादियां में दो सगे भाई एक ही घर में रहकर एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। यहां पंजाब कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा और उनके भाई निवर्तमान विधायक फतेहजंग बाजवा के बीच सियासी जंग में जो कुछ देखने को मिल रहा है, वह अपने आप में अनोखा है। दोनों भाई अपने हवेलीनुमा पुश्तैनी एक ही घर में रहते हैं। लोगों की समस्याएं सुनने के लिए बने वेटिंग हाल को प्रताप और फतेहजंग बाजवा, दोनों इस्तेमाल करते हैं।