Less-hard-work-and-more-earning-in-cherries,-abox-is-beings-old-for-up-to-Rs-350 – News18 हिंदी

पंकज सिंगटा/शिमला. शिमला की ढली सब्जी मंडी में इस समय चैरी का बोल बाला है. रोजाना हजारों की संख्या में चैरी के बॉक्स मंडी में पहुंच रहे है. चैरी की फसल में मेहनत कम है. लेकिन, कमाई अच्छी है. इस वर्ष चैरी का प्रोडक्शन बहुत ज्यादा हुआ है. बीते वर्ष पुरे सीजन में चैरी के 85 हज़ार बॉक्स ढली सब्जी मंडी में पहुंचे थे. इस वर्ष अभी तक 2 लाख से ज्यादा बॉक्स मंडियों में पहुंच चुके है. अभी चैरी का सीजन करीब 1 महीने तक और चलना है. मंडी में उचाई वाले क्षेत्रों की चैरी का आना अभी बाकी है.

शिमला के जांगला के रहने वाले बागवान राजेंद्र सिंह वर्मा चैरी लेकर सब्जी मंडी ढली पहुंचे थे. राजेंद्र पिछले 20 वर्षों से चैरी ऊगा रहे है. चैरी में मेहनत कम और कमाई ज्यादा है. लोगों को चैरी की ओर जाना चाहिए. चैरी का पौधा 3 वर्षों में फसल देना शुरू कर देता है. ऐसे में यह फायदे का सौदा है.

क्या है चैरी के मौजूदा दाम
मौजूदा समय में चैरी 350 रुपए तक प्रति बॉक्स तक बिक रही है. इसमें पैनट(1.5 किलो प्लास्टिक बॉक्स) 250 से 350 रूपए तक बिक रहा है. वहीं छोटा बॉक्स(1 किलो गत्ते का बॉक्स) 150 से 200 रूपए तक बिक रहा है. वहीं बिच-बिच में यह दाम 400 तक भी पहुंच जाते है. पैनट को आस पास के क्षेत्रों में ही बेचा जाता है. छोटे बॉक्स को मुंबई, कलकत्ता, बंगलोरे आदि शहरों के लिए भी भेजा जाता है.

मौसम अनुकूल न रहने से छोटा रहा चैरी का साइज
राजेंद्र सिंह वर्मा बताते है कि इस वर्ष मौसम अनुकूल न रहने की वजह से चैरी का साइज छोटा रह गया है. हालांकि, इस बार की प्रोडक्शन बहुत ज्यादा हुई है. वह बीते 20 वर्षों से चैरी ऊगा रहे है. इस बार भी वह रोजाना 700 से 800 बॉक्स लेकर मंडी पहुंचते है. शिमला आना उनके लिए थोड़ा महंगा पड़ता है. रोहड़ू से शिमला पहुंचे के लिए 3 घंटे का समय लगता है. गाड़ी वाला भी पांच हजार किराया लेता है. ऐसे में बागवानों को नुकसान होता है. रोहड़ू में भी चैरी की खरीद होनी चाहिए ताकि बागवानों को नुकसान न उठाना पड़े.

Tags: Agriculture, Himachal pradesh news, Latest hindi news, Local18, Shimla News

Source link

Leave a Comment

और पढ़ें

  • JAPJEE FAMILY DENTAL CLINIC
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool