Kyrgyzstan Violence: किर्गिस्तान हिंसा में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स, लगाई मदद की गुहार, हॉस्टल से निकलने में भी है खतरा

नई दिल्ली (Kyrgyzstan Violence against International Students). विदेश में भारतीयों के फंसने का मामला नया नहीं है. लेकिन इस बार बात खास तौर पर स्टूडेंट्स की हो रही है. हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स एमबीबीएस यानी मेडिकल की पढ़ाई के लिए मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान जाते हैं. वहां की पढ़ाई सस्ती है और एडमिशन भी आसानी से मिल जाता है. उसी किर्गिस्तान में इन दिनों भारतीय स्टूडेंट्स खतरे में हैं.

किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक (Bishkek) में पिछले हफ्ते कुछ लोकल लोगों ने पाकिस्तान और मिस्र के छात्रों पर हमला कर दिया था. कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसके बाद से मामला और भी बिगड़ गया. 13 मई को लड़ाई का जो वीडियो वायरल हुआ, उसमें पाकिस्तान और इजिप्ट के स्टूडेंट्स थे. मगर उससे स्थानीय लोग इतना भड़क गए कि उन्होंने सभी विदेशी स्टूडेंट्स पर हमला बोलना शुरू कर दिया.

सड़कों पर उतरे किर्गिस्तानी
किर्गिस्तान के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स ने मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने वीडियो कॉल पर अपनी दास्तां सुनाई है. मध्य प्रदेश के उज्जैन निवासी रोहित पांचाल अपने हॉस्टल में फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि 13 मई को जो कुछ हुआ, उसके बाद किर्गिस्तानी काफी उग्र हो गए और उन्होंने हॉस्टल में घुसकर विदेशी स्टूडेंट्स (खास तौर पर भारतीय, पाकिस्तानी, इजिप्ट और बांग्लादेशियों) को मारना शुरू कर दिया.

4 दिन से लॉकडाउन में हैं भारतीय स्टूडेंट्स
मामला बढ़ता देख स्टूडेंट्स की क्लासेस ऑनलाइन कर दी गईं. लेकिन इससे भी उन्हें राहत नहीं मिल रही है. 18 मई, 2024 से सभी भारतीय स्टूडेंट्स अपने हॉस्टल या फ्लैट में कैद हैं. उन्हें कमरे से भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं है. इंडियन एंबेसी इन स्टूडेंट्स के संपर्क में है और उन्हें फ्लैट या हॉस्टल के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है. स्टूडेंट्स खुद भी खौफ की वजह से बाहर नहीं जा रहे हैं. स्टूडेंट रोहित पांचाल ने बताया कि उनके टीचर्स उनकी पूरी मदद कर रहे हैं.

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देश से करीब 2300 किमी दूरी पर फंसे
किर्गिस्तान सेंट्रल एशिया का देश है. यह भारत से करीब 2300 किमी की दूरी पर है. किर्गिस्तान की सीमा मुख्य रूप से चीन से जुड़ी हुई है. रोहित पांचाल ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि वह अपने देश से तो दूर हैं ही, किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक से भी करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर हैं. उनका कॉलेज और हॉस्टल कांट शहर में है. दंगे की आग राजधानी से निकलकर कांट तक फैल गई है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सभी भारतीय स्टूडेंट्स को एंबेसी के संपर्क में रहने की सलाह दी है.

Tags: Abroad Education, Foreign university, MBBS student

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