किसान आंदोलन में शंभू स्टेशन पर बैठे धरनारत किसान।
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पंजाब के पटियाला में शंभू में रेल ट्रैक पर किसानों का धरना रविवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर दिया। आंदोलन के कारण रविवार को 73 ट्रेनें रद्द की गई, जबकि 62 गाड़ियों के मार्ग बदले गए। पांच को बीच रास्ते में ही रद्द करना पड़ा तो छह को बीच रास्ते से संचालित किया गया। प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए तीन किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) क्रांतिकारी पंजाब के चेयरमैन सुरजीत सिंह फूल ने बताया कि अगला मोर्चा जींद में खटकड़ में मेन टोल प्लाजा पर शुरू किया जा रहा है। इसके लिए जत्थेबंदियों की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। पहले भी 13 महीने खटकड़ टोल प्लाजा पर धरना चलता रहा है।
तीनों किसानों की रिहाई तक आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, शंभू में किसानों के धरने के कारण रविवार को 73 ट्रेनें रद्द की गईं। इस कारण यात्रियों को परेशानी हुई। आंदोलन के कारण दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की ओर जाने वालीं गाड़ियां प्रभावित हुईं हैं। किसानों ने 17 अप्रैल को शंभू में पुलिस के साथ हाथापाई के बाद रेल ट्रैक जाम किया था।
विदेश जा रहे पंजाब के नौजवान: पंधेरकिसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि देश में पिछले कुछ साल के दौरान तेजी के साथ बेरोजगारी बढ़ रही है। खासतौर से पंजाब में बढ़ती बेरोजगारी के कारण नौजवानों को विदेशों का रुख करना प़ड़ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से खेतीबाड़ी सेक्टर पर काॅरपोरेट का कब्जा कराने के आरोप लगाते इसके खिलाफ सभी को आवाज बुलंद करने की अपील की।
सचखंड एक्सप्रेस के संचालन में बदलाव से परेशानीअमृतसर से श्री हजूर साहिब नांदेड़ जाने वाली सचखंड एक्सप्रेस 12715 के अप-डाउन मार्ग में परिवर्तन का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें अमृतसर से अंबाला तक पहुंचने में ही कई घंटे लग गए, क्योंकि रेलवे पिछले तीन दिनों से सचखंड एक्सप्रेस को अंबाला कैंट स्टेशन पर रद्द कर रहा था, लेकिन रविवार को नांदेड़ से आने वाली सचखंड एक्सप्रेस को अंबाला कैंट पर रद्द करने के बजाय अमृतसर भेज दिया गया।
अंबाला-चंडीगढ़ रेल खंड पर बढ़ा दबाव अंबाला-लुधियाना का मुख्य रेल खंड बंद होने से पूरा दबाव अंबाला-चंडीगढ़ रेल खंड पर पड़ रहा है। इससे ट्रेनें दो से चार घंटे की देरी से गंतव्य स्टेशन पर पहुंच रही हैं। वहीं, रेलवे ट्रैक पर लगातार दौड़ रही ट्रेनों के कारण दैनिक ट्रेनों के संचालन को लेकर तैयार की गई योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही।