नई दिल्ली: जहां प्रतिद्वंद्वी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘400 पार’ के संकल्प के लिए तमिलनाडु को अपने चुनाव अभियान का केंद्र बनाने का आरोप लगा रही हैं, वहीं अतीत की तस्वीरों का एक सेट सामने आया है, जो दक्षिणी राज्य के साथ उनके संबंध को प्रदर्शित करता है. पीएम मोदी की अतीत की तस्वीरों और वीडियो के संग्रह वाले एक लोकप्रिय एक्स हैंडल, मोदीआर्काइव ने मंगलवार को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई भाजपा की 1991 की एकता यात्रा की तस्वीरें साझा कीं.
तस्वीर में पार्टी के तत्कालीन अध्यक्षों, पार्टी के शीर्ष नेताओं को यात्रा आयोजक नरेंद्र मोदी, फिर एक पार्टी कार्यकर्ता के साथ मार्च की तैयारी करते हुए दिखाया गया है. विशेष रूप से, पीएम मोदी ने हाल ही में 31 मार्च को तमिल चैनल थांथी टीवी को दिए एक साक्षात्कार के दौरान दक्षिणी राज्य के साथ अपने मजबूत संबंधों का भी उल्लेख किया था. प्रधानमंत्री ने चुनावी बॉन्ड, ईडी के छापे, तलाशी और राम मंदिर सहित कई मुद्दों पर भी बात की थी.
In a recent interview with Thanthi TV, Prime Minister @narendramodi mentioned his strong bond with Tamil Nadu.
He recalled his involvement in a historic event that began in Tamil Nadu’s Kanyakumari – the Ekta Yatra.
At the beginning of the Ekta Yatra, BJP President Dr Murli… pic.twitter.com/oFudRn1mNP
— Modi Archive (@modiarchive) April 2, 2024
उसी बातचीत में पीएम मोदी ने एकता यात्रा में अपनी भागीदारी को भी याद किया, जो ऐतिहासिक कार्यक्रम तमिलनाडु के कन्याकुमारी में शुरू हुआ और श्रीनगर में समाप्त हुआ. मोदी आर्काइव हैंडल ने तस्वीर साझा करते हुए लिखा : “एकता यात्रा की शुरुआत में भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी और यात्रा आयोजक नरेंद्र मोदी ने महान स्वतंत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह और राजगुरु के भाइयों राजिंदर सिंह और देवकीनंदन से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज प्राप्त किया. इस मौके पर परमवीर चक्र विजेता कांस्टेबल अब्दुल हामिद के बेटे जुबैद अहमद और अली हसन भी वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ मौजूद थे.”
एकता यात्रा, जिसे एकता मार्च के रूप में भी जाना जाता है, दिसंबर 1991 में कन्याकुमारी से शुरू की गई थी और 26 जनवरी 1992 को श्रीनगर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ समाप्त हुई थी. एकता यात्रा का नेतृत्व वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी ने किया था, जबकि नरेंद्र मोदी उस समय भाजपा कार्यकर्ता थे. उन्होंने मार्च के आयोजन में मुख्य धुरी के रूप में कार्य किया.
यात्रा का लक्ष्य दुनिया को एक कड़ा संदेश देना था कि भारत आतंकवादी ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा और एकजुट होगा. 14 राज्यों की यात्रा ने लोगों को गहराई से प्रभावित किया और राष्ट्रीय एकता के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाया.
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FIRST PUBLISHED : April 3, 2024, 06:45 IST