नई दिल्ली8 घंटे पहले
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जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JMFPL) अब शेयर और डिबेंचर्स के बदले लोन नहीं दे पाएगी। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज यानी 5 मार्च से तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगा दी है। इसके अलावा RBI ने शेयरों के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के अगेंस्ट लोन की मंजूरी और वितरण पर भी रोक लगा दी है।
सेंट्रल बैंक की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की ओर से शेयर की गई जानकारी के आधार पर कंपनी के अकाउंट्स की रिव्यू की गई जिसमें IPO फाइनेंसिंग और NCD सब्सक्रिप्शन के लिए कंपनी लोन देने की प्रोसेस में गंभीर खामियां पाई गईं हैं।
हालांकि कंपनी अपनी मौजूदा लोन अकाउंट की सर्विस को सामान्य कलेक्शन और रिकवरी प्रोसेस के जरिए जारी रख सकती है।
RBI की जांच में में कंपनी में 5 बड़ी कमियां मिली हैं:
- कंपनी ने लोन अमाउंट का उपयोग करके अपने कुछ कस्टमर्स को IPO और NCD ऑफरिंग के लिए बोली लगाने में बार-बार मदद की है।
- जांच में क्रेडिट अंडरराइटिंग अव्यवस्थित पाई गई और फाइनेंशिंग लो-मार्जिन पर किया गया था।
- सब्सक्रिप्शन के एप्लिकेशन, डिमैट अकाउंट्स और बैंक अकाउंट सभी को कंपनी पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) और ग्राहकों से मिले मास्टर एग्रीमेंट का उपयोग करके ऑपरेट कर रही थी।
- इसमें ग्राहकों का इन्वॉल्वमेंट कहीं नहीं था। ऐसा लगा, कंपनी पूरी तरह से लेडर और बॉरोअर दोनों की तरह काम कर रही थी।
- कंपनी POA का इस्तेमाल करते हुए बैंक अकाउंट खोलने के साथ-साथ उन बैंक अकाउंट्स के ऑपरेटर के तौर पर भी काम कर रही थी।
जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड का शेयर आज यानी 5 मार्च को 2% की गिरावट के बाद 95.50 रुपए पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 9.12 हजार करोड़ है।
देश के सबसे पुराने मर्चेंट बैंकरों में से एक है JMFPL
जेएम फाइनेंशियल के मुताबिक कंपनी देश के सबसे पुराने मर्चेंट बैंकरों में से एक है। यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय और मल्टीनेशनल कॉरपोरेट्स के डायवर्सिफाइड क्लाइंट बेस को पूंजी जुटाने, मर्जर और एक्विजिशन, प्राइवेट इक्विटी और रीस्ट्रक्चरिंग एडवाइजरी जैसी सर्विसेज प्रोवाइड करता है।
कल IIFL फाइनेंस कंपनी पर की थी कार्रवाई
इससे पहले कल यानी 4 मार्च को, सेंट्रल बैंक ने IIFL फाइनेंस को कंपनी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में कुछ सुपवाइजरी कंसर्न को देखने के बाद तत्काल प्रभाव से गोल्ड लोन की मंजूरी या वितरण बंद करने के लिए कहा था।
RBI ने कहा- पिछले कुछ महीनों से सेंट्रल बैंक इन कमियों पर कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट और ऑडिटर्स के साथ बातचीत कर रहा था, लेकिन अब तक कोई सार्थक सुधारात्मक कार्रवाई सामने नहीं आई। ऐसे में ग्राहकों के समग्र हित में ये प्रतिबंध जरूरी था।
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